वैभव गहलोत पर कालेधन को सफेद करने का आरोप, किरोड़ी ईडी को सौपेंगे सूबत - Khulasa Online वैभव गहलोत पर कालेधन को सफेद करने का आरोप, किरोड़ी ईडी को सौपेंगे सूबत - Khulasa Online

वैभव गहलोत पर कालेधन को सफेद करने का आरोप, किरोड़ी ईडी को सौपेंगे सूबत

खुलासा न्यूज। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब सांसद किरोड़ीलाल मीणा उनके बेटे वैभव गहलोत के खिलाफ भी ईडी में शिकायत करेंगे। शुक्रवार को किरोड़ीलाल मीणा ईडी दफ्तार पहुंचकर वैभव गहलोत, फेयरमाउंट होटल के मालिक रतनकांत शर्मा के खिलाफ ईडी को सबूत सौपेंगे। सांसद का आरोप है कि होटल फेयरमाउंट में मॉरिशियस की शैल कंपनी के द्वारा करीब 100 करोड़ रुपए निवेश किए गए है। यह पैसा गहलोत व उनके परिवार के सदस्यों का है। जो पहले हवाला के जरिए मॉरिशियस पहुंचाया गया। उसके बाद शैल कंपनी के जरिए होटल फेयर माउंट में निवेश किया गया। सांसद किरोड़ी ने आरोप लगाया कि होटल फेयरमाउंट की कंपनी ट्राइटन होटल एंड रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड औऱ शैल कंपनी सिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड 2007 में एक साथ रजिस्टर करवाई गई। सिवनार को बनाने की पीछे यहीं कारण था कि वो कालेधन को मॉरिशियस के रास्ते सफेद करके फेयरमाउंट में निवेश करें। वहीं अब रतनकांत शर्मा इस पैसे को वैभव गहलोत व उनकी पत्नी हिमांशी गहलोत की कंपनी सन लाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के जरिए हर साल लौटा रहे है। सन लाइट कार रेंटल होटल फेयरमाउंट, होटल ली मेरिडियन औऱ उदयपुर में रतनकंत शर्मा की ही होटल रैफल को किराए पर कार प्रोवाइड कराने का काम करती है। जिसके एवज में उसे हर साल करोड़ों रुपए का भुगतान किया जाता है। सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि यह पूरा पैसा हवाला के जरिए पहले लंदन में रहने वाले एक एनआरआई डॉक्टर के पास पहुंचा। उस डॉक्टर ने सिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड में यह पूरा पैसा निवेश किया। वहीं कंपनी ने फेयरमाउंट होटल की कंपनी ट्राइटन होटल एंड रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया। किरोड़ी ने कहा कि वे ईडी को इस पूरे मामले से संबंधित सबूत सौपेंगे।

 

ईडी में की मुख्यमंत्री गहलोत की शिकायत

राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने बुधवार को ही प्रदेश के आईटी विभाग में करीब 5 हज़ार करोड़ के घोटाले के आऱोप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ईडी में शिकायत की है। उन्होंने कहा था कि आईटी घोटाले में सीएम अशोक गहलोत का रिश्तेदार राजेश सैनी भी शामिल है। वहीं इस घोटाले को लेकर एसीबी में शिकायत दर्ज की गई थी। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों परिवादों पर एसीबी को जांच की अनुमति नहीं दी। इसके साथ ही किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आईटी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप यादव के खिलाफ एसीबी ने रेड मारी थी। जिसमें वो फरार हो गया था। जिसके खिलाफ 27 दिसम्बर 2019 को एसीबी ने मामला दर्ज किया था। यादव के पास अकूत संपत्ति मिली थी। लेकिन, सीएम गहलोत के कहने पर एसीबी ने मामले में एफआर लगा दी। वहीं बाद में कुलदीप यादव को जॉइंट डायरेक्टर के पद पर प्रमोशन भी दे दिया गया। इन सब से यह साबित होता है कि कहीं ना कहीं आईटी घोटाले में सीएम अशोक गहलोत का भी हाथ है।

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