
डूंगर कॉलेज में अनूठा आयोजन : आईजी सहित कई लोगों ने सामूहिक रूप से थाली भरकर पी ‘राबड़ी’






खुलासा न्यूज, बीकानेर। मंगलवार को बीकानेर सहित प्रदेश के कई हिस्सों में “राबड़ी दिवस” मनाया गया। बाजरे से बनने वाली इस राबड़ी के लाभ और कोल्ड ड्रिंक्स के नुकसान के प्रति आम लोगों में जागरुकता पैदा करने का ये बीड़ा बीकानेर के श्यामसुंदर ज्याणी ने उठाया है। पेशे से कॉलेज लेक्चरर ज्याणी के आह्वान पर न सिर्फ बीकानेर बल्कि पश्चिमी राजस्थान व उत्तर भारत के दर्जनभर गांव, कस्बों और शहरों में लोगों ने सामूहिक रूप से राबड़ी पीकर “राबड़ी दिवस” सेलिब्रेट किया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा भूमि संरक्षण के सर्वोच्च सम्मान लैंड फॉर लाइफ अवॉर्ड से सम्मानित पर्यावरण कार्यकर्ता प्रोफ़ेसर श्यामसुंदर ज्याणी के आह्वान पर मंगलवार को पहली बार राबड़ी दिवस का आयोजन हुआ। जिसके तहत राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश के परिवारों ने राबड़ी का सामूहिक सेवन किया। इस दौरान बाजरा से बनी राबड़ी के लाभ और कोल्ड ड्रिंक के नुक़सान पर चर्चा की। बीकानेर के राजकीय डूँगर कॉलेज के गांधी संस्थागत वन में आयोजित कार्यक्रम में बीकानेर रेंज के आईजी ओम प्रकाश, आर्मी डिवीजऩ के ब्रिगेडियर वैभव अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में राबड़ी के शौकीनों ने हिस्सा लिया।
लूणकरणसर में भी मनाया राबड़ी दिवस
खुलासा न्यूज़ लूणकरणसर बीकानेर लोकेश कुमार बोहरा। पर्यावरण पाठशाला लूणकरणसर की ओर से लक्ष्या वाटिका में सुबह साढ़े सात बजे राबड़ी पिलाकर राबड़ी दिवस की शुरुआत की।
शिक्षाविद मोटाराम चौधरी ने राबड़ी किस प्रकार सभी लोगों के रोग दूर करने में सहायक है इस विषय पर अपने विचार प्रकट किए।
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य ओंकारनाथ योगी ने मोटे अनाज के महत्व के बारे में बताया।
साहित्यकार रामजीलाल घोड़ेला ने राबड़ी बनाने की विधि समझाइ।
युवा साहित्यकार राजू बिजारणिया ने राबड़ी दिवस उत्साह पूर्वक मना कर कोल्ड ड्रिंक से युवा पीढ़ी को दूर होने की सलाह दी।
भैराराम गोदारा ने मोटे अनाज व राबड़ी को स्वास्थ्यप्रद व लाभदायक बताया।
राजस्थान शिक्षक (शेखावत)के पर्यावरण संरक्षण समिति के प्रदेश समन्वयक खुमाना राम सारण ने बताया कि राबड़ी दुनिया का सबसे स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक, मैग्नीशियम, पोटेशियम से भरपूर पेय पदार्थ है।पारिवारिक वानिकी अवधारणा को अपनाकर हम सब पर्यावरण संरक्षण में अपना अहम योगदान दे सकते हैं। भँवर लाल नेहरा,सतपाल नाथ व
सभी आगंतुकों में अपने विचार प्रकट किए तथा पर्यावरण पाठशाला का आभार व्यक्त किया।

