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सीएम के दौरे से पहले कांग्रेस के ये दो दिग्गज एक बार फिर आमने-सामने! एक बयान को लेकर मचा है बवाल

खुलासा न्यूज, बीकानेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 26 अप्रैल को बीकानेर आएंगे और नोखा में आायोजित किसान सम्मेलन में भाग लेंगे, लेकिन इससे पहले यहां कांग्रेस के दो दिग्गज आमने-सामने हो गए हैं। दरअसल, कैबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के बीच खींचतान सामने आई है। विवाद रामेश्वर डूडी के उस बयान को लेकर हुआ है। इसमें उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने ही भाजपा नेता डॉ. विश्वनाथ को टिकट देने की सिफारिश की थी। बताया जा रहा है इस मामले में अब खाजूवाला विधायक और मंत्री गोविन्दराम मेघवाल ने आलाकमान को शिकायत की है। दरअसल, हुआ यूं कि शुक्रवार को नोखा में शहीद कालूराम मेघवाल के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में डूडी बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में मेघवाल समाज के नेता इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस दौरान डूडी ने कहा कि एक चुनाव में डॉ. विश्वनाथ मेघवाल का टिकट कट सकता था। उन्होंने ही भाजपा नेता ओंकार सिंह लखावत से कहा था कि अगर डॉ. विश्वनाथ का टिकट काटा गया तो खाजूवाला से भाजपा को कुछ नहीं मिलने वाला है। इसके बाद डूडी ने डॉ. विश्वनाथ की मंच से जमकर तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि डॉ. विश्वनाथ अच्छे इंसान है। बताया जा रहा है कि सार्वजनिक तौर पर डूडी द्वार की गई इस बयानबाजी को लेकर गोविन्दराम मेघवाल खासे नाराज हैं और इसी नाराजगी के चलते उन्हें आलाकमान को शिकायत की है। नाराज नजर आ रहे हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में गोविन्दराम मेघवाल ने कहा- मामले की जानकारी आलाकमान को दी गई है। मेघवाल ने यहां तक कहा- रामेश्वर डूडी न सिर्फ खाजूवाला बल्कि पूरे जिले की सात विधानसभा सीटों पर इसी तरह करते हैं। मेघवाल का कहना है कि उन्हें ज्यादा बोलने के लिए मना किया गया है। इसलिए फिलहाल इस मुद्दे पर इतनी ही बात कहेंगे। बता दें कि मेघवाल और डूडी का यह नया विवाद नहीं बल्कि दोनों के बीच पहले भी विवाद रहे हैं। दोनों नोखा विधानसभा में राजनीति करते थे। मेघवाल नोखा से ही विधायक बनकर भाजपा राज में संसदीय सचिव बने थे। इसके बाद वो कांग्रेस के टिकट पर खाजूवाला से चुनाव लड़े। दोनों सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे का विरोध करते रहे हैं। हाल ही में बीकानेर जिला परिषद के चुनाव में जब कांग्रेस ने बढ़त पाई थी तो गोविन्दराम अपनी बेटी सरीता चौहान को जिला प्रमुख का चुनाव लड़ाना चाहते थे। डूडी ने अपने समर्थक मोडाराम को टिकट दिलवाया। तब भी दोनों के बीच संबंधों में खटास की बात सामने आई थी। लेकिन कांग्रेस व समाज में दोनों फिलहाल बड़े नेता माने जाते हैं। मेघवाल कैबिनेट मंत्री हैं तो रामेश्वर डूडी को हाल ही में राजस्थान स्टेट एग्रो डवलपमेंट बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया। डूडी के पास भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा है। डूडी जाट नेता के रूप में छवि बना चुके हैं। वहीं, मेघवाल दलित नेता है। दोनों का खुद की विधानसभा के अलावा जिले की अन्य विधानसभाओं में भी प्रभाव है। लेकिन देखने वाला विषय यह होगा कि दोनों में मन मुटाव आखिर कहां तक चलेगा और इसका असर आगामी चुनावों पर क्या रहने वाला है।

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