
Talk With BMR Episode-02 : मेधावी भुवनेश की कहानी आम सफल व्यक्ति से अलग, देखें स्टोरी






खुलासा न्यूज, बीकानेर। यूं तो सफलता संघर्ष का पर्याय मानी जाती है। लेकिन परिस्थितियों के आंकलन से संघर्ष के स्तर को आंका जा सकता है। “TALK WITH BMR Episode-02” के आज के एपिसोड में एक ऐसी ही शख्सियत से रूबरू होने का सौभाग्य मिलेगा जिन्होंने संघर्ष के चरम को छुआ और सफलता के पायदानों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि की। यह संघर्ष गाथा है भुवनेश स्वामी की। स्वामी बीकानेर मूल निवासी है। उनकी माता जी का निधन लंबी बीमारी के उपरांत उस समय हुआ जब भुवनेश 10 वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे थे। भुवनेश के पिताजी का साथ परिस्थिवश ना रहना कोढ पर खाज का काम किया। सामान्य भाषा में कहें तो अब भुवनेश अनाथ हो चुके थे। गहरे अवसाद से पीडि़त भुवनेश को रिश्तेदारों एवं मित्रजनों का संबल मिला। अपनी पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए भुवनेश कम उम्र में ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे। स्वामी को सहारा देने वालों में एक वरदहस्त किशोर सर (इंगलिश गुरु) भी थे। जिन्होंने बिना शुल्क लिए भुवनेश को अंग्रेजी की तालीम दी। मेहनतकश युवा भुवनेश ने प्रथम प्रयास में ही स्कूल के व्याख्याता पद पर चयनित होने का मुकाम हासिल किया। लेकिन मूल मुकाम अब भी दूर था। किशोर सर द्वारा दी गई तालीम एवं भुवनेश की लगन का परिणाम ही था कि अब भुवनेश असिस्टेंट प्रोफेसर यानी कॉलेज के प्रोफेसर बन गए। कई समाचार पत्रों में भुवनेश की संघर्षशील कहानी का प्रकाशन हुआ। आज भी कई शैक्षणिक संस्थान भुवनेश स्वामी को गेस्ट लेक्चर के रूप में आमंत्रित करते है। भुवनेश स्वयं सोशल मीडिया के माध्यम से आधुनिक पीढ़ी को मोटिवेट करते है। ऐसे संघर्षशील व्यक्ति की कहानी स्वयं की जुबानी प्रसारित करने का उद्देश्य आज की पीढ़ी को प्रेरणा पुंज के रूप में पोषित करना है।


