
जगदीश पारीक को बंगाल पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर किया गिरफ्तार






खुलासा न्यूज नेटवर्क। पिछले 50 दिवस से कटक व भुबनेश्वर जेल में बंद जगदीश पारीक की भुबनेश्वर में मजिस्ट्रेड कोर्ट से जमानत खारिज होने के पश्चात प्रोडक्शन वारंट लेकर आई पश्चिम बंगाल की पुलिस आज अलीपुरद्वार ले जा रही है। भुबनेस्वर कोर्ट ने 8 दिवस का पुलिस रिमांड देकर अलीपुरद्वार बंगाल भेजने की स्वीकृति दी है। ज्ञात रहे कि ओड़ीसा हाईकार्ट ने कटक में पीड़ित दीप्ति माई मिश्रा को 10 लाख रुपये जमा करवाने, प्रति माह कटक पुलिस थाना में हाज़िर होने व हर तीन माह में कोर्ट में उपस्तिथि का शपथ पत्र व 10 लाख रुपये जमा के पश्चात जमानत दी थी उसी समय भुबनेश्वर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। नयापल्ली, भुबनेश्वर दिनांक 29/06/23 FIR 284/23 सुनील पटेल ने जाली प्रमाण पत्र, फर्जी प्रोफाइल दिखाकर 15 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुवे धारा 420,468,471 तथा 34 के तहत मामला दर्ज करवाया था। भुबनेश्वर की मजिस्ट्रेड न्यायलय ने जमानत खारिज करने के पश्चात जगदीश पारीक की ओर से वकील रतिकांत प्रधान ने डिस्ट्रिक कोर्ट में आवेदन किया जिसमें 31अगस्त का हिरिंग का तारीख दिया है। इससे पूर्व ही पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार से पवनकुमार पुरोहित द्वारा दिनांक 14 जुलाई 2023 को दायर FIR संख्या 233 में आज बंगाल पुलिस ने बंगाल कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर जगदीश पारीक को स्पेशल जेल भुवनेश्वर झारपारा से गिरफ्तार कर लिया ।
वीनू सिसोदिया ने बताया कि हेल्प इंडिया ऑनलाइन फाउंडेशन के फाउंडर जगदीश पारीक ने अलीपुरद्वार के पवनकुमार पुरोहित को करीब 32 लाख रुपये खर्च करवाकर रोबोस्मार्ट लेब प्रायवेट लिमिटेड के मार्फत हड़प लिए। इसके दूसरे निदेशक श्रुतिधर आर्य भी जल्द गिरफ्तार होंगे। पवन पुरोहित द्वारा इन दोनों निदेशकों के खिलाफ धारा 406,415,417,420, 68,506,34 के तहत अलीपुरद्वार पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है। जगदीश पारीक व श्रुतिधर आर्य ने जाली प्रोफाइल बताकर हेल्प इंडिया ऑनलाइन के मार्फत पवनकुमार पुरोहित को अलीपुरद्वार की फ्रेंचाइजी दी थी, पुरोहित को मेरे द्वारा जब अवगत करवाया गया कि मेरी एफआईआर हो चुकी है तथा ये लोग जाली प्रोफाइल व जाली सर्टिफिकेट से कई वर्षों से देशभर में लूंट कर रहे है तो मैने उनको फ्रेंचाइजी कैंसिल करने का बोला । पवन पुरोहित द्वारा रुपये लौटने का बोला तो 31 मार्च 2023 से पूर्व पैसे लौटने का जगदीश पारीक ने झांसा दिया।
जगदीश पारीक ने पिछले 5 वर्षों से 20 ज्यादा कार्यलय बदलकर, 20 ज्यादा फर्म व कंपनियां खोलकर अपने पार्टनरों को धोखा देने से लेकर लाखो निवेशकों को फर्जी न्यूरोसाइंस कोच की डिग्रियां, हेलन किलर व रोबो स्मार्ट लेब की फ्रैंचाइजी देकर करोड़ो रूपये ठग लिए है। इस आरोपी के खिलाफ देशभर के अनेको राज्यो में एफआईआर दर्ज है।
भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने तथा जय माँ भारती से अपने भाषणों से जनता को इमोशनल ब्लैकमेल करके शिक्षा के नाम पर मानद डाक्टर, न्यूरोसाइंस मेटास्कील कोच बनाने के लिए DGT के फेक सर्टिफिकेट, स्कील विभाग व ILD के लोगो का प्रयोग करके फेक प्रमाण-पत्र के साथ खुद की प्रोफाइल में बड़ी बड़ी संस्थाओं में पदाधिकारी, अमेरिका से शिक्षित , तथा IBM यूनिवर्सिटी में खुद को गोल्डमेडलिस्ट बताता था।
वीनू सिसोदिया ने बताया कि जगदीश पारीक नामक व्यक्ति के द्वारा किये गए घोटालों, अवैध नेटवर्किंग व्यवसाय, फर्जी प्रोफाइल तथा फर्जी सर्टिफिकेट की आड़ में करोड़ो की लूंट व फर्जीवाड़े कर चलाई जाने वाली संस्थानों के बारे में पूर्ण सबूत मेने मुख्यमंत्री व कमिश्नर जयपुर को दिए हुवे है। सामाजिक संस्थानों की आड़ में बड़ी लूंट व फर्जी संस्थानों के बारे में भी मेने इसके खिलाफ सभी विभागों में साक्ष्य दिए हैं। यूपीआई वॉलेट, बैंक खाते खोलना व बंद करना इसका मुख्य कार्य है। इनकी जांच अति आवश्यक है।
DGT, MSME व ILD के साथ फर्जी मानद डॉक्टर डिग्रियों का फर्जीवाड़ा खुले आम करने की विभागीय कार्यवाही हेतु भी लिखा गया है। इन सभी को इन विभागों ने अपनी वेबसाइटों में डालकर जाली प्रमाण-पत्र घोषित किया है, लेकिन ये नाम बदलकर डिग्रियां आज भी बांट रहा है।
जगदीश पारीक अपनी स्वंय की प्रोफाइल में माई स्कूल इटली के निदेशक, 100 बच्चों को जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्डधारी बनाना वाला, 16 पुस्तक लिखकर भारत सरकार में लागू करवाने तथा न्यूरोसाइंस व मेटास्कील का हिमाचल सरकार का रिसर्चर, जैसी अनेको बड़ी बड़ी बातें लिख रहे है।
वीनू सिसोदिया, जयपुर ने आरोप लगाया की विभागीय कार्यवाही न होने के कारण इस तरह के लोग नई फर्म, नया पार्टनर, नई संस्था, नया पद, नया पुरस्कार, नया पद, नया कार्यलय बना-बना कर लाखो व्यक्तियों को ठग चुका है।
देशभर के बड़े बड़े नाम को अपने साथ सोशल मीडिया पर फ़ोटो लगाकर भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना है का नारा देकर कभी कोपरेटिव सोसायटी में, कभी आई मेमोरी स्कूल फाउंडेशन में, कभी हेलेन किलर की फ्रेंचाइजी के नाम पर, कभी आई ब्रेन रिर्चर सेंटर, कभी सबल भारत, कभी DMIT से ब्रेन का पता करके काउंसलिंग रिपोर्ट देना, कभी हेल्प इंडिया ऑनलाइन फाउंडेशन में मदद, निशुल्क शिक्षा,सिटी हेड के फायदे, हर माह रॉयल्टी स्कीम, कभी रोबोटिक्स लेब के नाम पर कभी रिटजी स्कूल,कभी अमेज़ॉन की गलेरी, कभी खुद के प्रोडक्ट की होम गलेरी कभी न्यूरोसाइंस की ट्रेनिंग के नाम पर कभी मानद डॉक्टर डिग्री के नाम पर असँख्य फ़्रॉड वो भी खुले आम वर्तमान डिस्काउंट मार्ट प्रायवेट लिमिटेड के मार्फत क्रिप्टो करेंसी एवम स्कीमो के जाल फ़ेंकर देशभर में खूब ठगी चल रही है।
हेल्प इंडिया व स्वंय की प्रोफाइल को सोशल मीडिया में डालकर ,ज़ूम मीटिंगों में बताकर लाखो व्यक्तियों के साथ करोड़ो की लूंट कर चुका है। 250000 से ज्यादा न्यूरोसाइंस के सर्टिफिकेट, 1000 से ज्यादा फ्रेंचाइजी व एक लाख से ज्यादा नेटवर्किंग में लोगों को जोड़कर भी यदि इसके द्वारा बांटे गए लाखो प्रमाणपत्र व हज़ारों फ्रैंचाइजी से एक भी व्यक्ति कोई भी लाभ ले रहा है अथवा रोजगार प्राप्त है तो उस व्यक्ति का पुलिस बयान अवश्य ले।


