
कैदियों ने प्राइवेट पार्ट में छिपा रखा था गुटखा, सोनाग्राफी में मिले 77 पाउच






जोधपुर। राजस्थान में प्राइवेट पार्ट में स्मैक की तस्करी का मामला तो सुना होगा। लेकिन, अब प्राइवेट पार्ट में खाने-पीने की चीजें रख जेल तक पहुंचाई जा रही है। ऐसा ही मामला जोधपुर की सेंट्रल जेल में सामने आया है। तीन बंदियों के प्राइवेट पार्ट में 14 थैलियां मिली। इन सभी में गुटखे के पाउच भरे थे। मामला जोधपुर सेंट्रल जेल में रविवार शाम का है। यहां उद्योगशाला (कैदियों के काम करने की जगह) से उन्हें बैरक में भेजा जा रहा था। इस पर उनकी जांच की तो वे थोड़े असहज हो गए। पाली के रानी स्थित जवाली निवासी रमेश बाड़मेर के गडरा पादा निवासी पदमाराम उर्फ पदिया और सिरोही के पिंडवाड़ा निवासी राजू उर्फ राजेंद्र की तलाशी ली गई। शक होने पर उन्हें डिस्पेंसरी ले गए। यहां सोनोग्राफी करवाई तो पेट में कुछ संदिग्ध चीजें दिखी। पूछताछ की तो बताया कि तीनों के पेट में गुटखे के पाउच है। रातानाडा थाना अधिकारी भरत रावत ने बताया कि ओसियां के थोब स्थित जसनाथपुरा हाल सेंट्रल जेल के प्रहरी मोतीराम ने रिपोर्ट दी। रमेश ने पॉलीथिन की 4 थैली प्राइवेट पार्ट से निकालकर दी। इनमें गुटखे के 4-4 ग्राम के 25 पाउच मिले। दूसरे बंदी पदमाराम ने भी छिपाकर रखी पॉलीथिन की 5 थैली में 28 पाउच निकले। तीसरे बंदी राजू उर्फ राजेंद्र ने भी प्राइवेट पार्ट से पॉलीथिन की 5 थैलियां निकाली। इसमें गुटखे-तंबाकू के 4-4 ग्राम के 24 पाउच थे। तीनों बंदियों में प्राइवेट पार्ट में 77 पाउच छिप रखे थे।
पहले जब्त किए थे मोबाइल
जोधपुर सेंट्रल जेल में पूर्व में भी कैदी के प्राइवेट पार्ट से तीन मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं। सितंबर 2020 को एक बंदी के पेट में दर्द होने की शिकायत पर उसे जेल डिस्पेंसरी ले जाया गया था, जहां कुछ सामग्री छिपी होने का पता लगा था। र उसे एमडीएम अस्पताल ले जाकर ऑपरेशन किया और प्राइवेट पार्ट से पॉलीथिन में छिपाकर रखे तीन मोबाइल बरामद किए गए थे।


