
बीकानेर: वायु प्रदूषण का समाधान नहीं, 125 फैक्ट्रियां बंद, रोज 2000 टन प्रोडक्शन ठप






बीकानेर: वायु प्रदूषण का समाधान नहीं, 125 फैक्ट्रियां बंद, रोज 2000 टन प्रोडक्शन ठप
बीकानेर। रीकाे काे खारा औद्याेगिक क्षेत्र में पीओपी से पाॅल्यूशन का समाधान एक महीना बीतने के बाद भी नहीं हाे पाया है। इसकी वजह से पिछले 15 दिन से क्षेत्र की 125 पीओपी फैक्ट्रियाें का प्राेडक्शन बंद पड़ा है। अब श्रमिक भी पलायन की तैयारी करने लगे हैं। उधर, मामला एनजीटी में पहुंचने के बाद पाॅल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड भी सख्त हाे गया है। खारा औद्याेगिक क्षेत्र में पीओपी की करीब 125 फैक्ट्रियां हैं, जिनसे निकलने वाले धुएं के कारण वायु प्रदूषण इतना अधिक हाेता है कि खुली हवा में सांस लेना दूभर हाे जाता है। पास ही खारा गांव के ग्रामीणाें की शिकायत के बाद पाॅल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड ने चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में दाे बार जांच कमेटी बना दी, लेकिन यह कमेटी अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। प्रयाेग के नाम पर तीन फैक्ट्रियाें काे छाेड़ बाकी सभी काे बंद करवा दिया गया है। बाेर्ड की सख्ती के कारण पिछले 15 दिन से प्राेडक्शन ठप है। खारा में 125 पीओपी फैक्ट्रियाें से राेज 1500 से 2000 टन पीओपी का प्राेडक्शन हाेता है। इसमें से करीब 70 प्रतिशत माल सकरनी काे और बाकी अन्य राज्याें में सप्लाई किया जाता है। प्राेडक्शन बंद रहने के कारण बाहरी पार्टियां अब धीरे-धीरे खारा से हाथ खींचने लगी हैं। उद्यमियाें काे चिंता है कि यदि 15 दिन और ऐसे ही हालात रहे ताे सभी श्रमिक पलायन कर जाएंगे। आधे श्रमिक छुट्टी लेकर गांव चले गए हैं। फैक्ट्रियां शुरू हाेने की सूचना पर ही वे वापस लाैटेंगे। वर्ना दूसरी जगह अपना राेजगार तलाश लेंगे। ज्यादा समय तक प्राेडक्शन बंद रहने के बाद उसे वापस मुख्य धारा में लाने में काफी समय लग जाता है। पार्टियाें में फिर से विश्वास बनाना पड़ता है। दूसरी तरफ फैक्ट्रियां बंद हाेने के कारण खारा गांव काे बड़ी राहत है। गजे सिंह का कहना है कि करीब एक महीने से धुआं नहीं उठने के कारण प्रदूषण नहीं हाे रहा है। उन्हाेंने कहा है कि ग्रामीण फैक्ट्रियां बंद करवाने के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन इससे हाेने वाले वायु प्रदूषण का समाधान हाेना चाहिए।


