
गोचर ओरण संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जन्मदिन, पूर्व मंत्री भाटी ने कहा- गोचर-ओरण भूमि के लिए मैं देह त्यागने से भी पीछे नहीं हटूंगा






– गौसेवा हेतु भक्तों ने दिया 5.53 लाख का दान
खुलासा न्यूज बीकानेर। 31 मई 2025 गोचर और ओरण संरक्षण के प्रखर प्रहरी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री देवी सिंह भाटी का 79वां जन्मदिवस आज संत श्री विमर्शानंद जी महाराज,संत श्री सरजुदास जी महाराज के सानिध्य में “गोचर ओरण संरक्षण दिवस” के रूप में अत्यंत श्रद्धा, संकल्प और जनसमर्थन के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रात: 7:30 बजे हनुमान मठ, सरे नाथानिया गोचर में गौ माता वंदन, गोचर पूजन और प्राकृतिक हवन के साथ हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु, किसान, पर्यावरण कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और युवा इस आयोजन में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर देवी सिंह भाटी ने चेतावनी भरे भाव में कहा: “यदि सरकार ने इसी प्रकार गोचर-ओरण भूमि पर कब्जे करना जारी रखा, तो आंदोलन अवश्य होगा और अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं देह त्यागने से भी पीछे नहीं हटूंगा।”
उनका यह वक्तव्य समस्त उपस्थितजनों के मन को झकझोर गया और पूरे आयोजन में गोचर संरक्षण को लेकर एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।
भक्तों का अद्भुत सहयोग
इस पावन अवसर पर भक्तों द्वारा गौ माता के हित में कुल 5,53,500 की धनराशि का नगद दान किया गया।साथ ही दो बड़ी गाडिय़ां चारा, 35 पेटी गुड़ भी गोशाला हेतु समर्पित किया गया।
गोचर संरक्षण हेतु बीज वितरण
कार्यक्रम में मरुस्थलीय पेड़-पौधों और झाडिय़ों के बीज वितरित किए गए, जिससे आगामी वर्षा ऋतु में गोचर, ओरण और चारागाहों में जैव विविधता व पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा मिल सके।
सूरजमालसिंह नीमराना (महामंत्री) ने कहा कि देवी सिंह भाटी साहब का जीवन गोचर व गौ संरक्षण को समर्पित रहा है। उनका यह जन्मदिवस सिर्फ उत्सव नहीं, एक जनआंदोलन है।
पर्यावरणविद् निर्मल कुमार बरडिय़ा ने बताया किहर ग्रामीण, हर नागरिक को गोचर संरक्षण के इस आंदोलन से जुडऩा होगा — यही हमारा लक्ष्य है।
राजेन्द्र सिंह किल्चु ने बताया कि पिछले वर्ष 78 पेड़ लगाकर जन्मदिवस मनाया गया था, इस वर्ष बीज वितरण से इस परंपरा को और आगे बढ़ाया गया।
इस अवसर पर कर्नल हेम सिंह, सूरजमालसिंह, प्रेम सिंह घुमांदा, बलवीर सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, मोहन सिंह, जुगल किशोर ओझा, जय सिंह सरपंच,मंगेज सिंह,रणवीर सिंह पलसानिया, मनोहर सिंह राठौड़, चांदवीर सिंह, रामकिशन आचार्य,धीरेन्द्र सिंह बरसलपुर,लाल सिंह गोकल,मदन सिंह भलुरी,खीव सिंह बरसलपुर,जेठू सिंह किलचू,करनाराम गेधर,मोहन राम सियाग,नरपत सिंह गोकल,भोमराज गाट,मनोहर लाल सियाग पलाना,युद्धवीर सिंह हाड़ला,मनोहर सिंह सियाणा,दिनेश ओझा,राजू राम जी खारी सरपंच,शिव सिंह खेतोलाई गजे सिंह देवड़ा, राजू सिंह खिंदासर, छैलू सिंह नोखादईया, सुनील गोदारा बज्जू, रामकुमार गोदारा, पवन महाराज भोलासर, देवेंद्र चारण, बादल सिंह, शेरा राम बुडीया,सहित अनेक कार्यकर्ता एवं ग्रामीण।

