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शहर के इन इलाको में आवारा श्वानों की भरमार, आये दिन बच्चे को काटते, निगम प्रशाासन बेपरवाह

शिव भादाणी

बीकानेर। शहर में कई ऐसे इलाके है जहां आवारा श्वानों की भरमार बनी हुई है जो आये दिन कि सी ना किसी को काटते है इसमें सबसे ज्यादा बच्चों में भय है बच्चे जब स्कूल व अन्य जगहों से आते जाते है यही श्वान उनके पीछे हो जाते है और उनको काट लेते है। शहर के नागरिकों ने निगम में इसकी शिकायत की लेकिन निगम प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। शहर के तेलीवाड़ा, रांगड़ी चौक, बड़ा बाजार, पवनपुरी, लक्ष्मीनाथ मंदिर, गोपेश्वर बस्ती, मोहता सराय, मोहता चौक छबीली घाटी सहित शहर के कई ऐसे इलाके है जहां पर आवारा श्वानों की भरमार हो गई है ये श्वान रात को वाहनों से आने जाने वालों के पीछे दौड़ते है

जिससे कई बारÎ वाहन चालक अनियंत्रित होकर गिर कर घायल हो जाते है। दिन में आमजन के पीछे दौड़ते है और उनको काट लेते है श्वानोंं के कारण कई मौहल्लों में तो बच्चे ने बाहर निकलना बंद कर दिया है। स्कूल से आते समय परिजनों को बच्चों का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। इन आवारा कुत्तों को लेकर प्रशासन को कोई भी अधिकारी संवदेनशील नहीं है जिससे आये दिन कुत्ते आमजन को अपनी चपेट में ले रहे है। पीबीएम अस्पताल मे नहीं है रेबीज का टीका
बड़ी विड़बमना है कि संभाग की सबसे बड़ी पीबीएम अस्पताल में श्वानों के काटने पर लगने वाला इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है उसको बाहर से 6 हजार रुपये में खरीदना पड़ता है। जिससे आमजन पर दोहरी मार पड़ रही है पहले कुत्ते ने काटा फिर इंजेक्शन नहीं मिलने उसको दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। वार्ड पार्षदों ने निगम में कई बार शिकायत की लेकिन कोई असर नहीं
बीकानेर के वार्डों पार्षदों ने इसकी शिकायत निगम प्रशासन को कई बार की लेकिन निगम प्रशासन को बीकानेर की जनता से कोई सरोकार नहीं है उन्होंने इस समस्या की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है और खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ा रहा है।
खुलासा ने टीम ने किया मौहल्लों में सर्व
खुलासा न्यूज पोर्टल के पास पिछले काफी दिनों से आवारा श्वानों को लेकर शिकायत आ रही थी इसको लेकर खुलासा टीम ने शहर के कई मौहल्लों में रात के समय व दिन में जाकर हकीकत जानी तो देखा शहर की कई गलियों में एक साथ 20-20 श्वानों का झुड मिला जो आमजन को देखते ही उनके भौकना शुरु कर देता है और पीछे दौड़ते नजर आये। इस बारे में कई लोगों से बातचीत की जिसमें उन्होंने अपनी पीडा जाहिर करते हुए बताया कि घर में बुजुर्ग बीमार है लेकि न कुत्तों के कारण उनको काफी परेशानी होती है।

रांगड़ी चौक में बहुत श्वान हो चुके है जो पूरी रात भौकते है और आने जाने वालों के पीछे दौड़तेहै जिससे कई बार दसे हो चुके है मजे की बात यह है कुत्ते दिन में भी आने जाने वालों को पीछे दौडक़र काटने की कोशिश करते है लेकिन किसी तरह बच जाते है रात के समय अकेले आदमी को 20 श्वान एक साथ घेर लेते है।
जयश्री मालू मौहल्लेवासी रांगड़ी चौक

इनका कहना है
हमारे मौहल्ले में श्वानों की संख्या बहुत हो गई जब भी बच्चे स्कूल व अन्य कार्यों के लिए बाहर जाते है तो मन मे डर व भय बना रहता है कि कई कोई श्वान बच्चियों को काट नहीं ले इस बारे में वार्डों पार्षद को अवगत कराया उन्होंने अपने स्तर पर निगम प्रशासन को शिकायत की लेकिनअभी तक श्वानों को पकडऩे की कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
राजकुमारी जैन
विश्वकर्मी कॉलोनी बीकानेर

इनका कहना है
हमारे गोपेश्वर बस्ती में भी कुत्तों की भरमार हो गई है रात के समय बुरी तरह भौकने से पूरी रात नींद नहीं ले पाते है और रात के समय निकल ही नहीं सकते है
लक्ष्मी भादाणी
गोपेश्वर बस्ती बीकानेर

मेरे मौहल्ले मोहता सराय में आवारा श्वानों की इतनी भरमार हुई है कि रात को पूरी तरह सो भीनहीं सकते हमें पूरी रात परेशान करते है और दिन में भी बच्चों को बाहर भेजते डर लगता है।
सोहन लाल भादाणी
मोहता की सराय

इनका कहना है=
नगर निगम क्षेत्र में कुत्ते बड़ी तादाद में हो गए हैं। एक संस्था के आंकलन के अनुसार अभी तकरीबन 40 हजार से ज्यादा कुत्ते हैं। इनकी तादात और भी तेजी से बढ़ेगी। वर्तमान में कुत्तों की नसबंदी का निगम द्वारा करवाया जा रहा कार्य अपर्याप्त है। कुतों की प्रीतिदिन की जानी वाली नसबंदी की संख्या दुगुनी किए जाने की आवश्यकता है। इस हेतु एक ठेका और किया जाना चाहिए। जिससे तेजी से कुत्तों की आबादी को बढऩे से रोका जा सके।
गोगागेट डंपिंग यार्ड में पहले काफ़ी तादाद में कुत्ते थे। डंपिंग यहां बंद होने पर भोजन न मिलने से वे शहर के विभिन्न क्षेत्र में चले गए हैं। ये कुत्ते हिंसक प्रवृत्ति के हैं जो राहगीरों पर हमला करते हैं। इनको नसबंदी के बाद भी शहरी क्षेत्र में वापस छोडऩा उचित नहीं है। ये खतरनाक हैं। ऐसे कुत्तों के लिए शहर में डॉग हाऊस की स्थापना नगर निगम स्तर पर की जानी चाहिए। जहां पागल, हिडकिएं, छूत की बीमारी और काटने वाले हिंसक कुत्तों को खासकर रखा जाए। अन्यथा शहर की आबादी के लिए ये खतरा बढ़ाते रहेंगे। मेरे वार्ड में मोहता सराय से कादरी कॉलोनी आने वाली रोड में आबादी नहीं होने से सुनसान रोड पर रात के समय 50-60 की संख्या में कुत्ते इक_े हो कुत्ते तकरीबन हर रोज़ राहगीरों पर हमला कर उन्हें घायल करते हैं। यहां बड़ा हादसा भी हो सकता है। लोग इनसे तंग व भयभीत हैं। अत: डॉग हाऊस की दिशा में सकारात्मक प्रयास किया जाना चाहिए।
मुजिब खिलजी
पार्षद प्रतिनिधि
वार्ड पार्षद 25

मेरे मौहल्ले में श्वानों की लगातार बढ़ती जा रही है आये दिन आमजन को काटते है जिसको लेकर अंदर भय बना हुआ है।
प्रिया ओझा
शिक्षिका मोहता सराय बीकानेर

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