राजस्थान में पेपर लीक में 10 साल सजा, 10 करोड़ तक जुर्माना

राजस्थान में पेपर लीक में 10 साल सजा, 10 करोड़ तक जुर्माना

प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कोई भी सार्वजनिक परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त प्रावधानों वाला एंटी चीटिंग बिल आज राजस्थान विधानसभा में पास हो गया। बिल में परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल लोगों को अपराध साबित होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। नकल कराने में शामिल लोगों पर सजा के साथ 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।

इस बिल में नकल गिरोह के लोगों की प्रॉपर्टी जब्त कर उसे कुर्क करने और सीज करने के प्रावधान भी किए गए हैं। किसी भी परीक्षा में अगर कोई परीक्षार्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।

राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) विधेयक 2022 के पास होने के बाद अब नकल और पेपर लीक पर सख्त कानूनी प्रावधान लागू होंगे। दरअसल, राज्य में परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए 1992 का कानून बना हुआ है, लेकिन उसमें इस तरह के सख्त प्रावधान शामिल नहीं हैं।

परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए इस तरह का सख्त कानून उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी बना है। उत्तर प्रदेश में नकल करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। हालांकि यह प्रावधान राजस्थान विधानसभा में पास हुए बिल में नहीं है।

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