कार रिपेयरिंग में कमी का हर्जाना लगा 1 लाख 35 हजार

कार रिपेयरिंग में कमी का हर्जाना लगा 1 लाख 35 हजार

खुलासा न्यूज,बीकानेर। कार मेकेनिक कम्पनी ओम मोटर्स बीकानेर को कार मरम्मत की सेवा में त्रुटि रखने का भुगतान एक लाख 35 हजार रूपये के अर्थदंड के रूप में भुगतना पड़ा। जिला उपभोक्ता न्यायालय की खंडपीठ ने परिवादी महेन्द्र सिंह शेखावत के लगाएं परिवाद पर फैसला देते हुए कंपनी को यह हर्जाना भरने के निर्देश दिए। मामले के अनुसार वर्ष 2017 में उपभोक्ता महेंद्र सिंह शेखावत ने पूगल रोड रेलवे क्रासिंग के पास स्थित कार रिपेयरिंग गेराज मैसर्स ओम मोटर्स को अपनी शेवरले कार मरम्मत के लिए दी थी जो कथित रूप से महिंद्रा फर्स्ट चॉइस का फ्रेंचाइजी बना हुआ था, लेकिन ओम मोटर्स ने लापरवाही बरतते हुए कार की कोई मरम्मत नहीं की और 3 महीने बाद उपभोक्ता महेंद्र सिंह को यह कह कर कार वापस दे दी कि मरम्मत कर दी गई है और उनसे 50 हजार रुपये भी ले लिए। कार ठीक नहीं चलने पर उपभोक्ता महेंद्र सिंह शेखावत ने ओम मोटर्स के प्रबंधक गोविंद राम एवम श्याम मोदी को शिकायत की तथा कार सही करने के लिए आग्रह किया तो ओम मोटर्स ने अनेक बहानों से कार को अपने गेराज में कई महीनों तक रखा तथा ठीक करने का कह के वापस लौटा दी लेकिन कार तब भी ठीक काम नहीं कर रही थी।जब उपभोक्ता शेखावत ने प्रबंधक गोविंदराम एवम श्याम मोदी से फिर इसकी शिकायत की तो उन्होंनें अभद्र व्यवहार किया तथा गली गलौज करके अनेक धमकियां दी।
उपभोक्ता महेंद्र सिंह शेखावत ने पुलिस स्टेशन बीछवाल में इसकी लिखित रिपोर्ट भी की,तत्कालीन थानाधिकारी ने ओम मोटर्स के प्रबन्धकों को बुला कर समझाया तथा गाड़ी ठीक करने के निर्देश दिए लेकिन इसका प्रबन्धकों पर कोई असर नहीं हुआ।हार कर उपभोक्ता ने अपनी कार के इंजन का काम किसी अन्य मिस्त्री से करवाया जहाँ उनके करीब 50 हजार रुपये और लग गए।इस बीच ओम मोटर्स की लापरवाही से गाड़ी में रही अनेक खामियों के कारण हजारों रुपये और भी लग गए।
लगातार ओम मोटर्स के चक्कर लगा कर व्यथित हो चुके उपभोक्ता महेंद्र सिंह शेखावत ने अपने अधिवक्ता एडवोकेट रविन्द्र पाल चौधरी से सलाह कर ओम मोटर्स के खिलाफ जिला उपभोक्ता न्यायालय बीकानेर में परिवाद पेश कर अनुतोष दिलाने की मांग की।इसके अलावा उपभोक्ता महेंद्र सिंह शेखावत ने न्यायालय में यह भी बताया कि ओम मोटर्स ने महेंद्रा फर्स्ट चॉइस के अधिकृत फ्रेंचाइजी होने के बोर्ड लगा रखे थे तथा अपने स्टेशनरी कागजों पर भी महेंद्रा फर्स्ट चॉइस के अधिकृत फ्रेंचाइजी होने के प्रमाण अंकित कर रखे थे इसी कारण वे इस गेराज में अपनी गाड़ी ले कर गए थे।
उधर न्यायालय में महेंद्रा फर्स्ट चॉइस द्वारा यह बताया गया कि ओम मोटर्स की फ्रेंचाइजी पहले ही निरस्त की जा चुकी है लिहाजा इन्हें महेंद्रा फर्स्ट चॉइस का नाम इस्तेमाल करने का कोई अधिकार भी नहीं था।जिला उपभोक्ता न्यायालय ने परिवाद दर्ज कर दोनों पक्षों को तलब किया।महेंद्रा फर्स्ट चॉइस मुंबई ने अपने आपको निर्दोष बताते हुये दलील दी कि ओम मोटर्स ने कम्पनी के फ्रेंचाइजी नहीं होते हुए भी कम्पनी का नाम इस्तेमाल किया है इसलिए सारा दोष ओम मोटर्स का ही है।
उपभोक्ता न्यायालय ने भी कम्पनी की इस दलील को स्वीकार करते हुए ओम मोटर्स को दोषी माना और फैसले में कार मरम्मत के लिए 90 हजार रुपये,मानसिक संताप के 25 हजार रुपये तथा विधिक व्यय के 10 हजार रुपये उपभोक्ता महेंद्र सिंह शेखावत को देने के आदेश जारी किए। न्यायालय ने 14 मार्च 2019 से रकम अदायगी तक राशि पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के भी आदेश दिए हैं।फैसला जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष न्यायालय के अध्यक्ष ओ.पी.सींवर,सदस्य पुखराज जोशी एवम मधुलिका आचार्य द्वारा 22 दिसम्बर को सुनाया गया।उपभोक्ता की ओर से पैरवी एडवोकेट रविन्द्र पाल चौधरी एवं उमेश चंद्र स्वामी ने की।

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