Gold Silver

आखिर कोरोना मरीजों के घटने को लेकर सच आया सामने, खुलासा ने जानी हक्कीकत

बीकानेर. जिले में कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है। अब शहरवासी कोरोना जांच को लेकर अब सवाल उठने लगे है। इसके पीछे कारण है कि कोरोना की जांचों में कमी आने लगी है। कोरोना की जांच में इनदिनों रेपिड एंटीजन टेस्ट सभी डिस्पेंसरियों में हो रहे है, वहीं सात दिनों से आरटीपीसीआर की जांच इन डिस्पेंसरियों में नहीं हो रही है। इन डिस्पेंसरियों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से हिदायत दे रखी है कि जिनमें गंभीर लक्षण नहीं है उनको रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जाने की बात सामने आई है। तथा जिनकों गंभीर लक्षण है और विभाग के अधिकारी कहे तभी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट की जाएं। शनिवार को फोर्ट डिस्पेंसरी में एक महिला ने कोरोना के लक्षण बताएं कि उन्हें नाक से खुशबू नहीं आ रही है और स्वाद भी नहीं आ रहा है तथा बुखार भी है। इसके बाद महिला ने डॉक्टर की सलाह पर रेपिड एंटीजन टेस्ट करवाया तो वह रेपिड एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव पाई गई। वहीं विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें आरटीपीसीआर करवाने से मना कर दिया है। इसके साथ कर्मचारियों ने बताया कि रेपिड एंटीजन टेस्ट में अगर शूगर का मरीज का यूरीन करते है वह पॉजिटिव ही आता है। कर्मचारियों ने बताया कि रेपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट करीब 45 मिनट में आती है। कई डिस्पेंसरियों में यह बात भी सामने आई है कि रेपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट सात से आठ घंटे के बाद आई। ऐसे में खुलासा टीम ने जब पता किया तो टेस्ट की रिपोर्ट तो 45 मिनट में आती है लेकिन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से रिपोर्ट देरी से आती है। क्योंकि यह कर्मचारी इन मरीजों की रिपोर्ट को ऑनलाइन नहीं करते है। विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि रेपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट की सरकारी व पुलिस विभाग में कोई वेल्यू नहीं माना जाता है। ऐसे में कही स्वास्थ्य विभाग जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रहा है। सस्ती रेपिट ऐटिजन टेस्ट कर के पॉजिटिव आने के आंकड़े को रोक रहे है। लोगों का आरोप है कि ऐसा लगता है कि रेपिट एंटिजन टेस्ट के रिकार्ड का संधारण भी सरकार के पास नहीं होने से ऐसी गफ लत हो रही है। जो गंभीर है।
ऑनलाइन

यहां होती है रेपिड ऐटिजन टेस्ट से जांच
डिस्पेन्सरी1 नंबर से 7 नम्बर के अलावा फोर्ट डिस्पेन्सरीएतिलकनगर डिस्पेन्सरीएइंद्रा कॉलोनी डिस्पेन्सरीएबीछवाल डिस्पेन्सरीएमुक्ताप्रसाद डिस्पेन्सरीएरामपुरा डिस्पेन्सरीएमुरलीधर डिस्पेन्सरीएगंगाशहर में काफी दिनों से आरटीपीसीआर टेस्ट की जगह रेपिट ऐटिजन टेस्ट करने की हिदायत दे रखी है। जबकि सप्लाई में आरटीपीसीआर की वाइल आई पड़ी है। जानकारों की माने तो रेपिट ऐटिजन टेस्ट जो एक स्लाइड है और इसका कोई वैधानिक प्रोसेस नहीं है।जबकि आरटीपीसीआर एक बहुत बड़ा टेस्ट प्रोशेस है जो मशीन से प्रोशेस होकर टेस्ट रिपोर्ट आती जिसमे गड़बड़ी की संभावना कम होती है। ऐसे में लोगों ने फिर से आरटीपीसीआर जांचें शुरू करवाने की अपील सरकार से की है। ताकि हकीकत में सही आंकड़े सरकार के सामने आएं।

इनका कहना है
सभी जगह रेपिड एंटीजन टेस्ट व आरटीपीसीआर दोनों तरह की जांच होती है। अगर कोई जल्दी रिपोर्ट चाहिए तो एंटीजन रेपिड टेस्ट किया जाता है वहीं आरटीपीसीआर की भी रिपोर्ट होती है। ज्यादातर लोग एंटीजन रेपिड टेस्ट करवा रहे है। अगर लक्षण गंभीर दिखाई देते है तो आरटीपीसीआर करवाते है। आरटीपीसीआर व रेपिड एंटीजन टेस्ट में कोई फर्क नहीं है।
डॉ. बी.एल.मीणा, सीएमएचओ, बीकानेर

Join Whatsapp 26