कन्याओं का पूजन कर,दिया मास्क-सैनिटराइजर का उपहार
खुलासा न्यूज,गंगानगर। श्री गुरु अर्जुन दास सत्संग भवन के संस्थापक एवं श्री रूद्र हनुमान सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरु अर्जुन दास महाराज द्वारा लगातार लंगर सेवाएं और कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम जारी है। रामनवमी के उपलक्ष में दुर्गा स्वरूप कन्याओं का पूजन किया गया।खीर, पूरी, हलवा,चना, फल का भोग लगाया गया और उपहार स्वरूप मास्क, सैनिटाइजर दिया गया। गुरु जी द्वारा आशीर्वचन के रूप में कहा गया कि नवरात्रों में जो जवारे उगाए जाते हैं, उन्हें गाय को खिला देना चाहिए और मिट्टी का उपयोग गमलों में पौधे लगाने के लिए करना चाहिए। जिससे कि पर्यावरण की शुद्धता भी बनी रहती है और पुण्य भी प्राप्त होता है। इन्हें नहरों में प्रवाहित करने से या पीपल के नीचे रखने से पानी प्रदूषित होता है और कचरा बढ़ता है जिससे कि प्रशासन को सफाई अभियान चलाने पढ़ते हैं। सफाई का कार्य सिर्फ प्रशासन की ही जिम्मेदारी नहीं है,आम नागरिक भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाये। क्योंकि इसी प्रदूषित पानी को पीने से बीमारियां और बढ़ जाती है। वैसे ही हम वैश्विक महामारी कोरोना काल से गुजर रहे है। इसलिए अपनी जिम्मेदारी समझे और इसे मां का आशीर्वाद समझ कर अमल मे लाये। साथ ही सम्मानित करने की इसी कड़ी में संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष तरसेम गुप्ता, कोषाध्यक्ष हरिओम लूथरा, महामंत्री नरेश सेतिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जागेंद्र बजाज, उपाध्यक्ष राज सुखेजा, सचिव संदीप शेरेवाल, लोकेश मनचंदा सचिव, निरीक्षक ललित शर्मा, संरक्षक मंडल के कृष्ण लाल मील एवं चंदू राम भदरा, सुशील अरोड़ा अध्यक्ष भाजपा, मांगीलाल उपाध्यक्ष भाजपा, राकेश शर्मा अध्यक्ष होलसेल किराना मर्चेंट एसोसिएशन, सुरेंद्र गर्ग अध्यक्ष चाय व्यापार संघ, पार्षद दिलीप लावा मंत्री नवल किशोर शर्मा एवं अन्य को सम्मानित किया गया। सभी को फूल माला पहनाकर, सम्मानपत्र, मास्क, सैनिटाइजर देकर सम्मानित किया गया। और लंगर प्रसाद भी दिया गया। समिति द्वारा सेवाएं श्री गुरु अर्जुन दास जी, चानन राम छाबड़ा, हुकमी देवी, राजरानी, संगठन मंत्री सतपाल कौर, अनुज मल्होत्रा, सतपाल सिंगल, संतोष सिंगल, गुरदीप कौर, छिंदर पाल, पूनम अरोड़ा, महक खत्री व अन्य सभी ने तन- मन से सेवाएं दी। श्री गुरु अर्जुन दास द्वारा सभी को राम नवमी एवं दशहरे की शुभकामनाएं दी गई। साथ ही 2 गज की दूरी, मास्क है जरूरी। इसे मत समझो मजबूरी, नहीं तो परिवार से करनी पड़ सकती है दूरी। का संदेश भी दिया गया।