महिला शक्ति अपनी क्षमता को पहचानें: चौधरी - Khulasa Online महिला शक्ति अपनी क्षमता को पहचानें: चौधरी - Khulasa Online

महिला शक्ति अपनी क्षमता को पहचानें: चौधरी

बीकानेर। ‘ महिलाएं अपनी क्षमता पहचानें और हुनर के बल पर अपनी पहचान बनाएं।ÓÓ ये उद्बोधन अतिरिक्त जिला कलक्टर सुश्री सुनीता चौधरी ने बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति एवं जन शिक्षण संस्थान, द्वारा विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर प्रौढ़ शिक्षा भवन में आयोजित जिला स्तरीय ‘महिला चेतना कार्यक्रमÓ के मुख्य अतिथि उद्बोधन में उपस्थित विशाल महिला समूह के समक्ष व्यक्त किए।

चौधरी ने कहा कि महिलाएं अपनी कमजोरियों पर विजय प्राप्त करके ही आगे बढ़ सकेंगी। इसलिए अपनी योग्यता को पहचानें। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को मल्टीस्किल होने पर जोर देते हुए कहा कि बाजार की मांग और प्रचलन को समझें उसके अनुसार अपने हुनर को परिष्कृत करते हुए आपने जो काम सीखा है उसे अपनी आत्मनिर्भरता का आधार बनाएं।
इसके साथ ही उन्होंनें कहा कि भारत सरकार द्वारा स्किल इंडिया के तहत देश भर में कौशल विकास कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इस क्रम में बहुत अच्छी बात है कि बीकानेर जिले में जन शिक्षण संस्थान इस कार्य को बहुत बढिय़ा और सार्थक तरीके से क्रियान्वित कर रहा है। कार्यक्रम के सान्निध्य उद्बोधन में समिति के अध्यक्ष लोककला मर्मज्ञ डॉ. श्रीलाल मोहता ने कहा कि चाहे कोई भी काम हो, हुनर हो या कला हो-महिला शक्ति के योगदान के बिना अधूरी होती है। इसलिए महिलाएं स्वयं पर विश्वास करें और आगे बढ़े। इसके साथ ही उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त की काव्य पंक्तियों के माध्यम से महिलाओं के विभिन्न सामाजिक बंधनों का उल्लेख करते हुए अपनी रचनात्मकता एवं मुखरता से इन बंधनों से पार पाने का संदेश दिया।

अध्यक्षीय उद्बोधन में जन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष अविनाश भार्गव ने कहा कि महिला दिवस तो महिलाओं के अस्तित्व का त्योंहार है। इसलिए आज के दिन महिलाएं हाथ का हुनर सीखकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लें। इसके साथ ही भार्गव ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। इसलिए महिलाएं हाथ के हुनर के साथ जीवन कौशल शिक्षा प्राप्त करके समाज के सर्वांगीण विकास में अपनी भूमिका निभाएं। विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद डॉ. विभा बंसल ने कहा कि महिला और पुरूष प्रत्येक समाज विकास के मुख्य आधार होते हैं। इसलिए महिलाओं और पुरूषों को पारस्परिक रूप से सहयोगी बन कर आगे बढऩा चाहिए, न कि प्रतिद्वंद्वी बनकर। समिति के मानद सचिव डॉ. ओम कुवेरा ने कहा कि महिलाओं की प्रबंधन क्षमता की साख तो पूरा विश्व भरता है। इसलिए महिलाएं पूरी तैयारी के साथ सामाजिक विकास की राह में आगे बढ़ेंगी तो निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। आयोजन के प्रथम सत्र में लीड बैंक के वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम प्रभारी सी.के.शर्मा ने प्रशिक्षुओं का आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनने का मार्गप्रशस्त किया। इस क्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना आदि की जानकारी देते हुए स्वरोजगार से जुडऩे का प्रभावी मार्गदर्शन भी किया। संस्थान की प्रबंध मंडल सदस्या डॉ. दीपाली धवन ने भी देश की प्रतिष्ठित और सफल महिलाओं का परिचय देते हुए महिलाओं को झिझक छोड़कर आगे बढऩे की बात कही। इससे पूर्व जन शिक्षण संस्थान के विभिन्न प्रशिक्षणों के प्रशिक्षुओं द्वारा तैयार उत्पाद की प्रदर्शनी मय बिक्री ‘हुनरÓ का शुभारंभ भी अतिरिक्त जिला कलक्टर सुनीता चौधरी के कर-कमलों से किया गया।

सुश्री चौधरी ने प्रदर्शित उत्पाद की बहुत प्रशंसा की और इसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सफलता बताया। सम्मेलन के प्रथम सत्र में महिलाओं के सृजन एवं कार्यकुशलता से जुड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसके अनुसार मेहंदी प्रतियोगिता में द्रोपदी पडि़हार प्रथम सुनीता द्वितीय दिव्या तृतीय एवं ज्योति सांत्वना स्थान पर विजेता बनीं। म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में शारदा कम्बोज प्रथम मंजू तिवाड़ी द्वितीय कविता गिरी तृतीय एवं सरोज प्रजापत सांत्वना स्थान पर विजेता बनीं। बटन लगाने के प्रतियोगिता में रजनी प्रथम कमला देवी द्वितीय शालू तृतीय एवं उमादेवी सांत्वना स्थान पर विजेता बनीं एवं एक मिनट शो -बैलून फूलाना प्रतियोगिता में लक्ष्मी रामावत प्रथम द्रोपदी पडि़हार द्वितीय हिमांशु तृतीय एवं आराधना सांखला सांत्वना स्थान पर विजेता बनीं। सभी विजेताओं को अतिथियों के कर कमलों से पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही अतिथियों द्वारा संस्थान के प्रशिक्षुओं को संबंधित प्रशिक्षण के प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर नत्थुसरबास में संचालित प्रशिक्षण केन्द्र की प्रशिक्षणार्थियों द्वारा स्वागत गीत ”करते हैं स्वागतम, स्वागतम..ÓÓ की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इस जिला स्तरीय सम्मेलन में समिति एवं संस्थान की अनुदेशिकाओं – वहिदा खातून, पूजा कच्छावा, खुश्बू सोलंकी, प्रियंका जोशी, प्रियंका तिवाड़ी, सरोज प्रजापत, मीना तंवर, डिंपल गहलोत, राजकंवर, मूली देवी, सुधा कंवर, जाह्नवी सुडिया, ममता कच्छावा, सरेन्द्र कौर आदि सहित शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों की महिला सदंर्भ व्यक्तियों एवं संस्थान परिवार के महेश उपाध्याय, कार्ययक्रम सहायक मकउमाशंकर आचार्य, लक्ष्मीनारायण चूरा, तलत रियाज, श्रीमोहन आचार्य, ललित व्यास, विष्णुदत मारू आदि की सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के प्रभारी निदेशक ओमप्रकाश सुथार ने आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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