डिलिवरी के लिए भर्ती हुई महिला, कोरोना पॉजिटिव आते ही पति के साथ अस्पताल से भागी - Khulasa Online डिलिवरी के लिए भर्ती हुई महिला, कोरोना पॉजिटिव आते ही पति के साथ अस्पताल से भागी - Khulasa Online

डिलिवरी के लिए भर्ती हुई महिला, कोरोना पॉजिटिव आते ही पति के साथ अस्पताल से भागी

डूंगरपुर। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण के मामले हर रोज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद न लोग इसे गंभीरता से ले रहे हैं और ना ही अस्पताल प्रशासन। आए दिन अस्पतालों से कोरोना संक्रमित मरीजों के भाग खड़े होने की खबरें आती रहती हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार को राजस्थान के डूंगरपुर के मेडिकल कॉलेज और श्रीहरिदेव जोशी सामान्य परिसर जिला कोविड-19 अस्पताल में सामने आया।यहां डिलिवरी के लिए भर्ती हुई महिला कोरोना पॉजिटिव आने के बाद शनिवार 11 बजे पति और एक महिला परिजन के साथ भाग गई. कोरोना पॉजिटिव महिला के अस्पताल से भाग जाने की जानकारी डॉक्टरों को 5 घंटे बाद शाम 4 बजे मिली। इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। करीब 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस कोरोना पॉजिटिव महिला और उसके पति को उनके एक रिश्तेदार के घर से पकड़कर अस्पताल लेकर आई।जबकि पॉजिटिव महिला के साथ रही उसकी परिजन महिला का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। पुलिस ने महिला, उसके पति और परिजन महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। वहीं, इस घटना में अस्पताल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिला कोविड-19 अस्पताल तथा एमसीएच में बनाए गये आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की निगरानी व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। पॉजिटिव वार्ड में हर समय डॉक्टर, नर्सिंग स्टॉफ व गार्ड तैनाती का दावा किया जाता है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की भी जांच की जा रही है।

आपको बता दें कि, दोवड़ा के पगारा गांव निवासी 20 वर्षीय महिला को उसके पति और परिजन महिला ने डिलिवरी के लिए श्रीहरिदेव जोशी सामान्य अस्पताल के मातृ शिशु अस्पताल में 21 जुलाई को भर्ती कराया गया था। जहां महिला ने एक मृत बच्ची को जन्म दिया था। डॉक्टरों ने महिला का कोविड-19 सैंपल लेने के बाद उसे दोनों परिजनों के साथ आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया। 25 जुलाई की सुबह 10 बजे महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
इसके बाद महिला को पॉजिटिव वॉर्ड में शिफ्ट किया था। कोतवाली पुलिस ने इस घटना में महिला, उसके पति व साथ में आई परिजन महिला के खिलाफ धारा 269, 270 में गंभीर संक्रमण होने के बाद उसे फैलाने की नियत से लोगों के बीच जाने तथा 188 के तहत आमजन को संकट में डालने को लेकर मामला दर्ज किया है। इन धाराओं में आरोपी को 6 माह से लेकर एक साल तक के कारावास का प्रावधान है।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26