आखिर क्या चल रहा है बीकानेर जिला परिवहन कार्यालय में ? - Khulasa Online आखिर क्या चल रहा है बीकानेर जिला परिवहन कार्यालय में ? - Khulasa Online

आखिर क्या चल रहा है बीकानेर जिला परिवहन कार्यालय में ?

– बीकानेर की ड्राईविंग लाइसेंस शाखा का हाल
– विभाग की सारथी होम साइट 4-4 घंटे पड़ी रहती है बंद
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर जिला परिवहन कार्यालय जहाँ डिजिटल इंडिया के नाम पर सरलीकरण कर लोगों को घर बैठे वाहन एवं ड्राईविंग लाइसेंस सम्बन्धी सेवा बिना किसी रुकावट के देने का खूब प्रचार-प्रसार किया जा रहा हैं। वहीं दूसरी और जिला परिवहन कार्यालय बीकानेर की ड्राईविंग लाइसेंस शाखा में हाल समय आये दिन विभाग की सारथी होम साइट तीन-तीन,चार-चार घण्टे बन्द पड़ी रहती हैं। जिससे दूर-दराज से आये लाइसेंस आवेदकों को खासा परेशानी उठानी पड़ती हैं। ज्ञात हो कि अभी लर्निग लाइसेंस आवेदन के समय 10-15 दिन के बाद एवं स्थाई लाइसेंस के आवेदन में एक महीने बाद का बुकिंग समय ड्राईविंग लाइसेंस आवेदक धारकों को दिया जा रहा हैं। जैसे-तैसे अपने व्यस्त जीवन मे से समय निकालकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो से लोग लम्बी दूरी तय करके बुकिंग तारीख के दिन जिला परिवहन कार्यालय पहुंचते हैं। और पहुंचते ही उन्हें विभाग की शाखा मे सर्वर डाउन होने का कहकर घण्टो खड़ा रहने के बाद आवेदन लौटाकर कहा जाता हैं। अगला स्लॉट बुक कराकर आना। इस दौरान कई आवेदको के लर्निग लाइसेंस की अंतिम दिनांक भी निकल जाने से उन्हें शारिरिक,मानशिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता हैं। दुबारा उसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता हैं वह अलग! एक तरफ तो ट्रैफिक पुलिस बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बार-बार परेशान करती है व जुर्माना वसूलती हैं तो दूसरी तरफ परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सर्वर डाउन के नाम पर महीने-महीने चक्कर कटवा कर महिलाओं,बुजुर्गो एवँ युवाओं को परेशान कर रहा हैं। आज भी सुबह से ड्राइविंग लाइसेंस शाखा में सर्वर डाउन रहा जो दोपहर बाद बिल्कुल नही चला और लोग देर शाम तक खिड़कियों के आस-पास खड़े रहे। इस संदर्भ में यातायात अधिवक्ता संघ के एडवोकेट हनुमान प्रसाद शर्मा ने बताया कि ड्राईविंग लाइसेंस शाखा में सर्दी हो या गर्मी हर समय सर्वर डाउन रहने की समस्या आम बात हो गई हैं। विभाग को केवल अपने राजस्व से मतलब हैं लोगो की समस्या हल करने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की जाती हैं जबकि कई बार,प्रभारी मंत्री,जनप्रतिनिधियों एवं जिम्मेदार अधिकारियों तक को लिखित शिकायते की गई हैं। लेकिन इनके कानों पर जूं तक नही रेंगती।

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