बीकानेर में फैला वायरल, मची अफरा-तफरी, दौड़े डॉक्टर्स
अज्ञात वायरस की चपेट में आने से एक ही परिवार के 14 जने बीमार
खुलासा न्यूज़, श्रीडूंगरगढ़। सामुदायिक चिकित्सालय केन्द्र में बुधवार दोपहर करीब 12 बजे उस समय अफरा-तफरी मच गई जब श्रीडूंगरगढ़ तहसील के ही गांव कुनपालसर से एक पिकअप में भर कर एक ही परिवार के 14 जने अज्ञात वायरस की चपेट में आने से बीमार होकर पहुंचे।
विभाग हुआ अलर्ट
उल्टी, चक्कर, बुखार, सरदर्द व बदन दर्द की शिकायत लिए एक साथ एक ही परिवार के लोग पहुंचने पर चिकित्सालय प्रशासन भी अलर्ट हो गया एवं तुरंत उपचार शुरू करते हुए सभी को भर्ती किया। चिकित्सकों की एक टीम ने जहां चिकित्सालय में उपचार शुरू किया वहीं अज्ञात आशंका के चलते दूसरी टीम गांव की और दौड़ पड़ी। यह टीम गांव पहुंच कर परिवार के शेष लोगों की जांच एवं आसपास के मोहल्लों में रहने वाले लोगों की जांच में जुटी है।
बीमार सभी एक ही परिवार से
डॉ.ओपी स्वामी ने बताया कि चिकित्सालय में रामेश्वरी पत्नी रामलाल (45), विद्या पुत्री राजुराम (7), सोना पत्नी रामस्वरूप (23), शांति पत्नी राजुराम (28), हीरा पत्नी लिछमाराम (60), जसोदा पत्नी ओमप्रकाश (22), अनिता पुत्री राजुराम (10), आईना पुत्री राजुराम ( 5), प्रियंका पुत्री राजुराम (8), राजुराम पुत्र रामलाल (28) परमजीत पुत्र रामस्वरूप (10 माह), मोनिका पुत्री रामस्वरूप (03), भागीरथ पुत्र लिच्छुराम (23) व लेखराम पुत्र खिंयाराम (19)को भर्ती किया गया है एवं उपचार किया गया है। पीडि़त परिवार के राजुराम मेघवाल ने बताया कि तीन दिन पूर्व पूरे परिवार के सभी सदस्य बुखार, जुखाम, सरदर्दए चक्कर आदि की चपेट में आ गए थे। तो पास के गांव सोनियासर में निजी चिकित्सक को दिखाया लेकिन आराम नहीं आने पर बीदासर तहसील के गांव सांडवा में बने राजकीय चिकित्सालय में पहुंचें। वहां पर सभी को भर्ती किया व दवाईयां भी दी गई, लेकिन राहत नहीं मिलने पर बुधवार को श्रीडूंगरगढ़ पहुंचे है। चिकित्सा विभाग ने भी एक ही परिवार के इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ बीमार होने को गंभीरता से लेते हुए सभी के खून, लार आदि के सैम्पल लिए है एवं बीमारी का कारण जानने का प्रयास किया जा रहा है।
पीएचसी नहीं होने की कमी खली
यह विडम्बना ही है कि श्रीडूंगरगड़ उपखण्ड मुख्यालय के दक्षिण में बसे करीब 40 गांवों की दो लाख से अधिक आबादी पर चिकित्सा विभाग द्वारा केवल दो प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ही खोले हुए है। चिकित्सा विभाग के अफसरों की लालफीताशाही की शिकार क्षेत्र की जनता मूलभूत चिकित्सा के लिए तरस रही है। चिकित्सा विभाग उपस्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से केवल टीकाकरण करवा कर अपनी खानापूर्ति कर रहा है। दिलचस्प बात यह है कि एक और बीकानेर अपडाउन में आसान रहने वाले क्षेत्र श्रीडूंगरगढ़ से बीकानेर की और वाले क्षेत्र में चिकित्सा विभाग 15 किलोमीटर की परिधि में लखासर, शेरुणा, दुचसासर, सूडसर, पूनरासर आदि पांच जगहों पर प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र खोल दिए गए है वहीं 50 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र के पार कर श्रीडूंगरगढ़ पहुंचने वाले क्षेत्र में विभाग द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही है। क्योंकि इस क्षेत्र में नियुक्त किए जाने वाले चिकित्सक बीकानेर जिला मुख्यालय से दूरी करीब 130 किलोमीटर से अधिक होने के कारण अपडाउन नहीं कर सकते। बुधवार को श्रीडूंगरगढ़ पहुंचे कुनपालसर के रोगी भी अपने गांव से श्रीडूंगरगढ़ तक करीब 40 किलोमीटर का सफर तय कर पहुंचे। अगर इन गांवों के केन्द्र बरजांगसर में प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र बना दिया जाए तो 15 गांवों के 50 हजार से अधिक ग्रामीणों को लाभ मिल सकता है।