दो दिन बाद भी मीणा व राठौड़ नहीं हुए रिलीव, बीकानेर के लोगों में आक्रोश, होली बाद सरकार ले सकती है एक्शन - Khulasa Online दो दिन बाद भी मीणा व राठौड़ नहीं हुए रिलीव, बीकानेर के लोगों में आक्रोश, होली बाद सरकार ले सकती है एक्शन - Khulasa Online

दो दिन बाद भी मीणा व राठौड़ नहीं हुए रिलीव, बीकानेर के लोगों में आक्रोश, होली बाद सरकार ले सकती है एक्शन

किसकी वजह से उलझा खेल ?
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के 24 घंटे के लिए प्राचार्य बनने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। स्थिति यह बनी हुई है कि दो ट्रांसफर आदेश के 2 दिन बाद भी ना तो डॉ.गुलझारीलाल मीणा जोधपुर गए और ना ही जोधपुर से डॉ.शैतानसिंह बीकानेर आए।  इस मामले में अब नया मोड़ आ सकता है। बहरहाल, यह मामला मुख्यमंत्री स्तर पर विचाराधीन है। इस बीच कयास यह लगाया जा रहा है कि आज-कल इस मामले का पटाक्षेप हो जाएगा, अन्यथा होली के बाद ही सरकार इस पर एक्शन लेगी। सूत्रों के मुताबिक, जोधपुर के डॉ. शैतान सिंह राठौड़ बीकानेर नहीं आना चाहते हैं और वे अपना बीकानेर हुआ तबादला निरस्त कराने के लिए राजधानी जयपुर में डटे हुए हैं। तबादला निरस्त नहीं होने की स्थिति में डॉ. राठौड़ प्राचार्य पद छोडने की भी पेशकश कर सकते हैं। इसके बावजूद डॉ. जी. एल. मीणा का बीकानेर टिक पाना मुश्किल नजर आ रहा है, क्योंकि डॉ. राठौड़ के बीकानेर आकर ज्वॉइन करने अथवा पद छोडने के बाद भी उन्हें तो जोधपुर जाना ही होगा। हालांकि, डॉ. मीणा के पक्ष में भी एक लॉबी तबादला निरस्त कराने को लेकर सरकार पर पूरा दबाव बना रही है। ताजा हालात को देखते हुए अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीर बहादुर सिंह भी बीकानेर आने के जतन में जुट गए हैं। खबर यह भी है कि डॉ. राठौड़ के पद छोडऩे की स्थिति में डॉ. मीणा को जोधपुर भेजकर बीकानेर के प्राचार्य पद का अतिरिक्त कार्यभार डॉ. लियाकत अली गौरी को दिया जा सकता है। डॉ. गौरी किस कैम्प के खास माने जाते हैं यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।

… तो इसलिए मीणा को तबादला किया गया जोधपुर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम की नाराजगी के चलते प्राचार्य डॉ. राठौड़ का तबादला हुआ है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स की मानें तो हाल ही में एमडीएमएच के 120 बैड के आईसीयू के शिलान्यास कार्यक्रम में आए सीएम की तबीयत खराब होने पर कॉलेज प्राचार्य के उनसे नहीं मिलने के कारण उनका तबादला किया गया।  इसी तरह बीकानेर मेडिकल कॉलेज से जुड़े जानकारों का कहना है कि डॉ. गुलझारी लाल मीणा की कार्यशैली के कारण कई डॉक्टर्स नाराज है। यह नाराजगी उस वक्त देखने को मिली जब डॉ. मीणा अपना पदभार ग्रहण कर रहे थे। इस दौरान एक भी वरिष्ठ चिकित्सक दिखाई नहीं दिया। मीणा की नापसंदगी के चलते इन डॉक्टर्स ने मंत्री व सीएम तक शिकायत भी की गई थी।
वहीं शहर में यह भी चर्चा है कि डॉ.गुलझारी मीणा एक ईमानदार व्यक्ति है, जो पीडि़त मानवता की सेवा में सदैव तत्पर रहते है। इसी कारण सीएम डॉ. मीणा को अपने गृहक्षेत्र में ले गए।

बीकानेरवासियों में आक्रोश, आखिर किसकी वजह से उलझा यह खेल
कोरोना वायरस को लेकर चल रहे गंभीर हालात के बीच प्राचार्यों की नियुक्ति और तबादले के झमेले से सरकार की खासी किरकरी हो रही है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम हो गई है कि आखिरकार नियुक्ति और तबादले का यह खेल आखिरकार कैसे हो गया? इसे लेकर सब अपने-अपने कयास लगा रहे हैं। हर कोई यह जानने की कोशिश में जुटा हुआ है कि आखिर इसके पीछे की कहानी क्या है? कहा तो यह भी जा रहा है कि पीबीएम अस्पताल में भ्रष्टाचार का जो मामला एसीबी में चल रहा है उसे लेकर ही यह सारी उठापटक चल रही है। इस मामले में दो आरोपियों को हाल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बताया यह भी जा रहा है कि इस मामले की जद में करीब दो दर्जन से ज्यादा लोग आए हुए हैं। इसी के चलते यह उठापटक का दौर चल रहा है।

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