टिड्डी से हुए नुकसान के मुआवजे को लेकर आई ये खबर - Khulasa Online टिड्डी से हुए नुकसान के मुआवजे को लेकर आई ये खबर - Khulasa Online

टिड्डी से हुए नुकसान के मुआवजे को लेकर आई ये खबर

केन्द्रीय अध्ययन दल प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर
बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय समन्वय से टिड्डी हमले की पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित की जाए जिससे टिड्डी हमले की संभावित जानकारी सम्बंधित जिले तथा काश्तकारों को देकर फसल नुकसान को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बीकानेर के खाजूवाला और बज्जू क्षेत्र में टिड््डी का प्रकोप पूर्व में था अब बीकानेर के इन दोनों स्थानों से पूरी तरह से मुक्त हो गया है साथ ही अगर भविष्य में कभी टिड्डी के कारण फसल का खराबा हो तो उसका मुआवजा बाजार दर पर काश्तकारों को उपलब्ध करवाए जाए।
गौतम जिले के टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में नुकसान के बाद हालात का जायजा लेने आए केंद्रीय मंत्रालय दल के सदस्यों के साथ मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। अध्ययन दल में डीएमडी जयपुर निदेशक डॉ सुभाष चंद्र, केन्द्रीय जल आयोग के निदेशक एस डी शर्मा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर जोधपुर के वैज्ञानिक डॉ विपिन चैधरी शामिल थे। गौतम ने केंद्रीय अध्ययन दल को बताया कि टिड्डी के प्रभावी नियंत्रण के लिए यह भी आवश्यक है कि सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर समन्वय किया जाए, जिस जगह से उत्पत्ति होकर टिड्डी अन्य देशों में जाती है और इस दौरान रास्ते में ही इसे रोक दिया जाए तो फसलों का होने वाला नुकसान बच सकता है। उन्होंने अध्ययन दल के सदस्यों को यह भी बताया कि टिडडी के मूवमेंट की जानकारी अगर पहले से ही हो जाए इसके लिए भी कोई सिस्टम विकसित किया जाए। कृषि विभाग और टिड्डी नियंत्रण विभाग इस तरह आईईसी करें कि कि लोगों में टिड्डी प्रकोप को लेकर भ्रांतियां ना रहे तथा यदि टिड्डी का आक्रमण होता है तो स्थानीय काश्तकार प्रशासन तथा नियंत्रण इकाईयों के साथ पूरा सहयोग करें।
जिला कलक्टर ने बताया कि काश्तकार की फसल को नुकसान हेने पर वर्तमान नियमानुसार मुआवजे के तौर पर 13 हजार 500 रुपए प्रति हैक्टेयर तथा अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के नुकसान पर ही मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने इस आर्थिक मदद को बढ़ाने की बात कही, जिससे किसानों के नुकसान की अधिकतम भरपाई हो सके। उन्होंने अध्ययन दल से यह भी कहा कि वह अपनी रिपोर्ट में नुकसान के मुआवजे को बाजार मूल्य से भुगतान करने की भी अनुशंसा करें।
अत्याधुनिक उपकरण हों सीमावर्ती क्षेत्र में
जिला कलक्टर गौतम में कहा कि भविष्य में अगर टिड्डी का प्रकोप होता है तो उससे निपटने के लिए अत्याधुनिक उपकरण टिड्डी विभाग उपलब्ध करवा दें तो समय रहते जिला प्रशासन इन सभी उपकरणों को बीकानेर से लगती अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ी तहसीलों पर रख दें ताकि जैसे ही टिड्डी का हमला हो तो अत्याधुनिक उपकरणों और दवाओं के माध्यम से उनके प्रवेश के साथ ही उन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। जिला कलक्टर ने कहा कि टिड्डी का इस क्षेत्र में जनवरी माह में दूसरी बार हमला था। इससे पहले मई 2019 में टिड्डी दल का हमला हुआ।
काश्तकारों का रहा सकारात्मक सहयोग
गौतम ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण में स्थानीय काश्तकारों का बेहतरीन सहयोग रहा। उन्होंने बताया कि व्हाट्सऐप ग्रुप आदि के जरिए किसानों ने कृषि विभाग के साथ समन्वय कर जानकारी साझा की और टिड्डी नियंत्रण में पूरा सहयोग दिया। स्थानीय लोगों ने अपने टेऊक्टर आदि के जरिए कीटनाशक का छिड़काव किया। नियंत्रण के कार्य में बीएसएफ का भी सहयोग मिला। गौतम ने बताया कि खराबे का मुआवजा देने के लिए प्रशासन ने विशेष गिरदावरी करवाई। इस रिपोर्ट के अनुसार बज्जू के 23 राजस्व तथा खाजूवाला के 10 राजस्व ग्रामों के कुल 1673 किसान प्रभावित हुए।
बैठक में पौध संरक्षण अधिकारी टिड्डी विभाग धन्ने सिंह पूनिया, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार जगदीश पूनिया, सहायक निदेशक कृषि विस्तार डॉ रामकिशोर मेहरा, कृषि अधिकारी पौध संरक्षण डॉ सुभाषचंद्र बिश्नोई उपस्थित थे।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26