मनरेगा को लेकर आई ये खबर,अब ग्राम सभा में रखा जाएगा ‘बहीखाता’ - Khulasa Online मनरेगा को लेकर आई ये खबर,अब ग्राम सभा में रखा जाएगा ‘बहीखाता’ - Khulasa Online

मनरेगा को लेकर आई ये खबर,अब ग्राम सभा में रखा जाएगा ‘बहीखाता’

जयपुर। प्रदेश भर में मनरेगा और आवास योजना जैसी भारी भरकम बजट वाली योजनाओं के लिए प्रस्तावित स्वतंत्र ऑडिट में हर ग्राम पंचायत पर पांच लोगों का दल सर्वे करेगा। पंचायत के बही खातों की जांच के बाद यदि अनियमितता मिली तो यही दल इस पूरे मामले को गांव वालों के सामने ग्राम सभा की बैठक में रखेगा। पिछले तीन वर्षों से लंबित चल रही इस स्वतंत्र ऑडिट सोसायटी को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार ने कदम आगे बढ़ाए हैं। ग्रामीण विकास विभाग ने इस सोसायटी में नियुक्ति, कार्यविधि और क्षेत्राधिकार के नियम तय कर दिए हैं। सोसायटी में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गर्वनिंग बॉडी बनी है, जबकि अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति बनाई गई है। इसके अलावा राज्य स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक ऑडिट कार्य के लिए संदर्भ व्यक्तियों की नियुक्ति के प्रावधान किए गए हैं। वित्त विभाग से मंजूरी के बाद सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले विशेषज्ञ के साथ राज्य, जिला और ग्राम स्तर के संदर्भ व्यक्तियों की नियुक्तियों के लिए चयन प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
पांच योजना तय, अन्य में भी ऑडिट संभव
शुरुआती तौर पर इस सोसायटी के जरिए स्वतंत्र ऑडिट के लिए पांच योजनाएं चुनी गई हैं। इनमें मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन, सामाजिक सहायता कार्यक्रम और 14वें वित्त आयोग का अनुदान शामिल हैं। इसके अलावा गवर्निंग बॉडी और सरकारों के निर्णयों के अनुसार अन्य योजनाओं की ऑडिट भी कराई्र जा सकेगी।
लाभार्थी ही होंगे सदस्य
सूत्रों ने बताया कि सोसायटी में एक खास बात यह भी है कि ग्राम पंचायत स्तर पर ऑडिट करने वाले दल में अधिकतर सदस्य ऑडिट के अधीन आने वाली योजनाओं के लाभार्थी ही होंगे। ये पांच दिन तक घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। पंचायत के बही खातों की जांच कर खर्च का ब्योरा लेंगे। अपनी रिपोर्ट के साथ ग्राम सभा की बैठक में सभी ग्राम वासियों के सामने निष्कर्ष रखेंगे।
पिछले वर्ष दी थी केबिनेट ने मंजूरी
पहले भी इन योजनाओं में ऑडिट का प्रावधान था, लेकिन यह स्वतंत्र नहीं होकर विभाग के अधीन ही होती थी। केन्द्र सरकार ने 2016 में इस सोसायटी का प्रावधान किया था, लेकिन राज्य में इसका गठन नहीं हो सका। पिछले वर्ष जून में राज्य केबिनेट ने इसका फैसला किया था। अब जाकर सरकार नियम-कायदे तय कर पाई है।

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