राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच बन रही हैं ये 4 संभावनाएं - Khulasa Online राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच बन रही हैं ये 4 संभावनाएं - Khulasa Online

राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच बन रही हैं ये 4 संभावनाएं

जयपुर। राजस्थान में बीते 11 दिनों से सियासी ड्रामा जारी है. राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेसी विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में आज भी सुनवाई होनी है. इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से भेजे गए अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी गई है. आज बागी विधायकों की तरफ से मुकुल रोहतगी बहस करेंगे। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दी गई अपनी शिकायत में पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए आज शाम 5:30 बजे तक का वक्त दिया है। इसी नोटिस को रद्द करवाने सचिन पायलट खेमे के असंतुष्ट विधायक कोर्ट पहुंचे हैं। कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों की ही निगाह है।आइए जानते हैं ऐसी स्थिति में अब आगे क्या हो सकता है-

-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 200 सीटों वाली विधानसभा में 101 विधायकों के समर्थन की आस लगाए बैठे हैं। पायलट के समर्थन में 18 कांग्रेसी विधायक और 3 निर्दलीय विधायक हैं। अगर कांग्रेस विधायकों को अयोग्य करार दे दिया जाता है, तो इनके जाने से बहुमत की संख्या 91 हो जाएगी,जो गहलोत आसानी से हासिल करते दिख रहे हैं।

-अगर कोर्ट का फैसला सचिन पायलट खेमे के पक्ष में जाता है, तो संभव है कि अशोक गहलोत कम बहुमत वाली सरकार से अलग हो जाएं।

-अगर अयोग्यता नोटिस को खारिज कर दिया जाता है, तो बहुमत की संख्या 101 बनी रहेगी। ऐसे में सभी कांग्रेस विधायकों से सरकार को सपोर्ट करने को कहा जा सकता है।

-बीजेपी और उसके सहयोगियों के 75 विधायकों, टीम पायलट के 21 और क्षेत्रीय भारतीय जनजातीय पार्टी के दो विधायक भी एकजुट होकर सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं. हालांकि, ये तभी हो सकता है जब सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायक बीजेपी को सपोर्ट करें।

इन विधायकों को दिया गया है अयोग्यता का नोटिस
स्पीकर सीपी जोशी ने सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी,मुकेश भाकर, रामनिवास गावडिय़ा, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को अयोग्यता का नोटिस दिया है।
बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र संभव
इस बीच बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है, जिसमें गहलोत सरकार विश्वास मत के जरिए बहुमत साबित कर सकती है। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है. नियमों के मुताबिक, अगर बहुमत साबित करने में गहलोत सरकार सफल हो जाती है तो फिर विपक्ष 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता।

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