बीकानेर के हालात बदल रहे हैं, अब बना खतरा ! - Khulasa Online बीकानेर के हालात बदल रहे हैं, अब बना खतरा ! - Khulasa Online

बीकानेर के हालात बदल रहे हैं, अब बना खतरा !

खुलासा न्यूज़, बीकानेर। गंगाशहर इलाके में घड़सीसर रोड़ पर शुक्रवार की दोपहर किराये के मकान में दपंति ने संंदिग्ध हालातों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली,चौंकानें वाली बात तो यह है कि मृतक दंपति के शवों की शिनाख्त के लिये पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी, तब जाकर शिनाख्त हो पाई। बताया जाता है कि मकान मालिक को भी पुख्ता तौर पर पता नहीं था कि दंपति कौन और कहां से आये है। वजह यह है कि उसने मकान किराये देने से पहले दंपति का पुलिस से सत्यापन कराया। पुख्ता खबर है कि इस तरह के इस के हजारों अनजान लोग शहर में किरायेदार बन कर रहे है,जिनका आचरण संदिग्ध होने के बावजूद पुलिस की नजर से बचे हुए है। यह भी जानकारी मिली है कि बड़ी तादाद में बंगाली लोगों ने भी शहर को अपना ठिकाना बना लिया है,जो यहां कोतवाली इलाके में किरायेदार बन कर रहे है,इनमें कई अपराधी और फितरती तत्व भी शामिल है लेकिन पुलिस सत्यापन नहीं होने के कारण इनकी असलियत उजागर नहीं हो रही है। सीमावर्ती शहर होने के बावजूद बीकानेर संदिग्ध लोगों का जमावड़ा सुरक्षा के लिये बड़ा खतरा बना हुआ है लेकिन पुलिस और खुफियां ऐजेंसिया इस मामले में सजगता नहीं दिखा रही है। शहर ऐसे अनेक इलाके है जहां बाहरी लोग किरायेदार बन कर रह रहे है,कई संदिग्धों ने यहां अपने स्थायी ठिकाने बना लिया है। सूत्र बताते हैं कि मध्यप्रदेश, बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल तक से लोग आकर बसे हैं। शहर में किरायेदार बन कर रहे संदिग्ध लोगों को चिन्हित कर उनकी निगरानी के मामले में पुलिस और खुफिया एजेंसियों में आपसी तालमेल की स्थितियां निराशाजनक हैं।राष्ट्र की सुरक्षा को पुख्ता करने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर हैं, वे महकमे व एजेंसियां आपस में बहुत जरूरी सूचनाओं को भी समय रहते साझा करने में असफल रहती हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यालय से यदि किसी एजेंसी की तरफ से कार्रवाई की जाती है तो उसका जानकारी स्थानीय स्तर के पुलिस प्रशासन तक को नहीं होता। हकीकत यह भी है कि कई बार तो मुख्यालय के अधिकारी अपनी ही एजेंसी या विभाग की स्थानीय मशीनरी को भी साथ में नहीं लेते। हालांकि तत्कालीन रैँज पुलिस महानिरीक्षक दिनेश एमएन ने बीकानेर में किरायेदार बन कर रहे है बाहरी लोगों का सत्यापन कराने के लिये कार्ययोजना बनाई थी लेकिन उनका तबादला हो जाने के बाद यह कार्ययोजना फाईल में दफन होकर रह गई।

पकड़े जा चुके है पाकिस्तानी जासूस
जानकारी में रहे कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बीकानेर काफी संवेदनशील शहर है,यहां सैन्य छावनी के अलावा एयरफोर्स का बेस और बीएसएफ का कैम्प भी है। इसके अलावा बीकानेर में आये दिन सेना का मूवमेंट रहता है इसलिये पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसियों की लंबे अर्से से बीकानेर पर गिद्ध दृष्टी रही है,पिछले दशकभर में यहां पाकिस्तान के कई जासूस पकड़े भी जा चुके है,जो यहां किरायेदार बन ही रह रहे थे। इसके अलावा भी बीकानेर में कई राष्ट्र विरोधी लोग पकड़े जा चुके है। ऐसे में बाहरी किरायेदारों के सत्यापन में लापरवाही बरतना भारी पड़ सकता है। सजगता दिखाते हुए पुलिस को उन मकान मालिकों पर कार्यवाही का शिंकजा कसना चाहिए जो किरायेदारो का सत्यापन नहीं कराते है। इसके अलावा पुलिस थानों के सीएलजी सदस्यों को अपने क्षेत्र में रहने वाले किरायेदारों के बारे में जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए है।

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