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प्रदेश की इस परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को अभी तक नहीं पता कि मेरिट किस आधार पर बनेगी, परीक्षा के बचे दस दिन

जयपुर। राजस्थान स्टाफ सलेक्शन बोर्ड (आरएसएमएसएसबी) की पटवारी भर्ती परीक्षा 23 व 24 अक्टूबर को दो-दो पारियों में होनी है। इसमें 10 दिन भी नहीं बचे लेकिन परीक्षा में बैठने वाले 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को अभी तक यह भी नहीं पता कि सभी पारियों के सवालों का स्तर समान नहीं होने पर मेरिट किस आधार पर बनेगी। बोर्ड चेयरमैन हरिप्रसाद शर्मा का कहना है कि जरूरत पडऩे पर ही नॉर्मलाइजेशन करेंगे। भास्कर ने इसका फॉर्मूला पूछा तो बोले- यह सीक्रेट है। दूसरी ओर, विशेषज्ञ मानते हैं कि नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले के बिना सही मूल्यांकन संभव नहीं है।
बोर्ड चेयरमैन ने कहा- जरूरत पडऩे पर ही नॉर्मलाइजेशन करेंगे लेकिन फॉर्मूला सीक्रेट
विशेषज्ञों का मानना है- फॉर्मूले के बिना तो सही मूल्यांकन संभव ही नहीं होगा
भर्ती में इस बार ये किए गए हैं अहम बदलाव
राजस्थान पटवारी भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए पहली बार यूजी की योग्यता रखी गई है। इससे पहले बारहवीं पास छात्र आवेदन कर सकते थे। सिलेबस भी बदला गया है। पहले इस परीक्षा में प्री के साथ मेंस भी होता था। इस साल उम्मीदवारों को केवल एक ही परीक्षा देनी होगी। इसमें 300 अंकों के कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे।
क्यों किया जाता है नॉर्मलाइजेशन
जब एक ही परीक्षा अलग-अलग पारियों में हो तो सभी पारियों का स्तर समान रखने के लिए नॉर्मलाइजेशन किया जाता है। यानि एक पारी का अधिक कठिन हुआ और दूसरी का कम तो दोनों को बराबर स्तर पर लाने के लिए नॉर्मलाइजेशन किया जाता है। ताकि किसी एक पारी वालों को फायदा और दूसरी पारी वालों को नुकसान न हो।
इस बार कॉम्पिटिशन अधिक
4,400 पदों के लिए पिछली परीक्षा 2016 में हुई थी।
9 लाख में से 6.5 लाख अभ्यर्थी ही परीक्षा में बैठे थे।
इस साल 15.62 लाख ने आवेदन किया, जो पिछली परीक्षा के मुकाबले लगभग 40 प्रतिशत अधिक है।
गौरतलब है कि राज्य में पटवारी भर्ती परीक्षा लगभग 5 साल हो रही है। आंसर-की को लेकर इससे पहले वाली परीक्षा का मामला कोर्ट में जा चुका है। अभ्यर्थियों ने बोर्ड की आंसर-की पर आपत्ति जताई थी। कोर्ट ने पाया कि कुछ प्रश्नों के जवाबों पर अभ्यर्थियों की आपत्ति सही है। ऐसे में 2016 की परीक्षा में चयन प्रक्रिया लंबे समय तक चली थी

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