एमएम स्कूल ने लगाया तरणताल पर ताला - Khulasa Online एमएम स्कूल ने लगाया तरणताल पर ताला - Khulasa Online

एमएम स्कूल ने लगाया तरणताल पर ताला

बीकानेर। एमएम स्कूल के खेल मैदान में स्थित राजीव गांधी तरणताल के ताले सोमवार को नहीं खुलने से खिलाडिय़ों को परेशानी का सामना करना पड़ा। तरणताल में गंदा पानी भरा होने के कारण खिलाडिय़ों ने दो दिन पहले रोष जताया था, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने तरणताल बंद कर दिया। हालांकि इसको लेकर स्कूल प्रबंधन ने कुछ भी कहने से इनकार किया है लेकिन तरणताल को चालू करके एक सप्ताह बाद ही बंद करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब तरणताल के संचालन व रखरखाव को लेकर स्कूल प्रब ंधन के पास संसाधन नहीं थे, तो आठ माह से बंद पड़े तरणताल में पानी क्यों भरा गया?
हजारों रुपए हो गए खर्च
लम्बे-चौडे क्षेत्र में फैले तरणताल की सफाई व रंगरोगन पर विगत एक माह में स्कूल प्रबंधन हजारों रुपए खर्च कर चुका है और अब गंदे पानी की सफाई पर भी स्कूल प्रबंधन को हजारों रुपए खर्च करने पड़ेंगे, वहीं बिजली का हजारों रुपए का बिल भी स्कूल प्रबंधन को भरना पड़ेगा। जब एक सप्ताह के बाद तरणताल को बंद ही करना था, तो हजारों रुपए खर्च करने की जरूरत कहां थी।
हो सकता है बेहतर संचालन
एमएम स्कूल के पास उपलब्ध संसाधनों से भी तरणताल का बेहतर संचालन हो सकता है। हालांकि कमाई की दृष्टि से यह काफी महंगा साबित होगा लेकिन यदि स्कूल प्रबंधन ठान ले, तो इसका संचालन कर पूर्व के वर्षों में हुई असुविधाओं से खिलाडिय़ों को राहत दिला सकता है। तरणताल संचालन के लिए स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर प्राइवेट लाइफगार्ड व मैनेजर की व्यवस्था करे और इसके साथ ही प्रतिदिन सफाई के लिए मजदूर लगाए, तो पानी साफ रहने के साथ ही स्कूल प्रबंधन को विकास के लिए आमदनी भी हो सकती है।
सवाल पूछ रहे जवाब
तरणताल बंद होने के बाद एमएम स्कूल प्रबंधन की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है।

  1. सवाल उठता है कि एक सप्ताह तक महज चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे तरणताल का संचालन किया गया। यहां लाईफ गार्ड आदि की व्यवस्था क्यों नहीं की गई।
  2. आठ माह पहले नगर विकास न्यास व जिला शिक्षा अधिकारी से झगड़ा कर स्कूल प्रबंधन ने तरणताल को कब्जे में लिया और बेहतर संचालन करने का भरोसा दिलाया था, तो इसके संचालन को लेकर आठ माह तक स्कूल प्रबंधन ने ऐसी क्या योजना बनाई, कि संचालन के एक सप्ताह में ही तरणताल के ताला लगाना पड़ा?
  3. तरणताल हस्तांतरण के समय विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। अब संचालन की रूपरेखा में एसडीएमसी सदस्यों का फ्लॉप-शो क्यों रहा?
  4. विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि तरणताल को कमाई के लिए नहीं खिलाडिय़ों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। भले ही इनकी सोच सकारात्मक हों लेकिन संचालन के लिए प्रशिक्षित कार्मिकों के साथ हजारों रुपए के बिजली के बिल का भुगतान स्कूल प्रबंधन कब तक करेगा?
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