स्वामी विवेकानन्द के मूल्यों से भारत पुन: विश्व गुरु बनेगा:श्रीमाली - Khulasa Online स्वामी विवेकानन्द के मूल्यों से भारत पुन: विश्व गुरु बनेगा:श्रीमाली - Khulasa Online

स्वामी विवेकानन्द के मूल्यों से भारत पुन: विश्व गुरु बनेगा:श्रीमाली

बीकानेर। बेसिक पी.जी. महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस पर एक दिन पूर्व एक परिचर्चा का आयोजन रखा । परिचर्चा के मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली थे। महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ. रमेश पुरोहित ने विषय प्रवर्तन करने हेतु बताया कि स्वामी विवेकानंद दुनिया भर के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत थे और इसलिए उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्य वक्ता डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली ने बताया कि ‘नरेन्द्रÓ से ‘स्वामी विवेकानंदÓ बनने का सफर उनके हृदय में उठते सृष्टि व ईश्वर को लेकर सवाल व अपार जिज्ञासाओं का ही साझा परिणाम था। डॉ. श्रीमाली ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन के कई प्रेरक प्रसंग बताते हुए विद्यार्थियों का उत्साहवद्र्धन भी किया। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानन्दजी ने 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था और विश्व से हिन्दू धर्म का परिचय करवाया था। स्वामी विवेकानंद को उनके प्राचीन हिन्दू दर्शन के ज्ञान, अकाट्य तर्क तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समायोजन के लिए जाना जाता है।
महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की याद में भारत में प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को ‘राष्ट्रीय युवा दिवसÓ मनाया जाता है। लेकिन आज भारत की युवा ऊर्जा अंगड़ाई ले रही है और भारत विश्व में सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाला देश माना जा रहा है। इसी युवा शक्ति में भारत की ऊर्जा अंतरनिहित है। हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व देश के युवा बेरोजगारों की भीड़ को एक बोझ मानकर उसे भारत की कमजोरी के रूप में निरूपित करता है या उसे एक कुशल मानव संसाधन के रूप में विकसित करके एक स्वाभिमानी, सुखी, समृद्ध और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनाता है।प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि हमें युवा शक्ति की सकारात्मक ऊर्जा का संतुलित उपयोग करना होगा। कहते हैं कि युवा वायु के समान होता है। जब वायु पुरवाई के रूप में धीरे-धीरे चलती है तो सबको अच्छी लगती है। सबको बर्बाद कर देने वाली आंधी किसी को भी अच्छी नहीं लगती है। अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास एवं प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा अतिथि का आभार प्रकट करते हुए शॉल एवं प्रतीक चिह्न भेंट किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की उपप्राचार्य डॉ. सीमा चावला व्याख्याता डॉ. कमलकांत शर्मा, डॉ. टीना असवानी,विजय रंगा, वासुदेव पंवार, मोहित गहलोत, सौरभ महात्मा, सुश्री श्वेता पुरोहित,विनोद पुरोहित आदि उपस्थित रहे।

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