पार्टी में गुटबाजी के कारण नही बन रही प्रदेश कार्यकारिणी
जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को अध्यक्ष बने हुए लंबा समय बीत चुका है, लेकिन कार्यकारिणी का गठन नहीं होने से सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्या वजह है कि पूनियां को नई कार्यकारिणी गठन में इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है। पिछले साल अक्टूबर में पूनियां ने प्रदेशाध्यक्ष का पदभार संभाला था। इसके बाद दिसंबर में वे निर्वाचित अध्यक्ष बन गए। हर बार जब भी उनसे कार्यकारिणी के गठन का सवाल पूछा गया तो उन्होंने यही जवाब दिया कि जल्द कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा और कार्यकारिणी में सभी फैक्ट्स को ध्यान में रखा जाएगा। आखिरी बार पूनियां ने जवाब दिया था कि पंचायत चुनाव के बाद कार्यकारिणी गठित की जाएगी। अब कुछ पंचायतों में चुनाव हो चुके हैं। इसके बाद भी कार्यकारिणी गठन में हो रही देरी से साफ हो चला है कि पार्टी में कुछ तो गड़बड़ चल रहा है।
प्रदेश भाजपा की बात की जाए तो इस समय पार्टी में गुटबाजी साफ नजर आ रही है। पूनियां को प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद एक धड़ा आज भी उन्हें प्रदेशाध्यक्ष के रूप में स्वीकार नहीं कर पाया है। यही वजह है कि पूनियां को कार्यकारिणी के लिए पदाधिकारी चयन में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
परनामी के समय बनी थी कार्यकारिणी
भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी का गठन पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के समय किया गया था। इसके बाद मदन लाल सैनी प्रदेशाध्यक्ष बने, लेकिन उन्होंने कुछ नए लोगों को कार्यकारिणी में जगह दी, शेष पदाधिकारी परनामी वाले समय के ही रहे। लेकिन पूनियां ने प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद साफ कर दिया था कि नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा।