एक साल में भी तैयार नहीं हो पाया सॉफ्टवेयर ही,कैसे होगी वाहनों की लोकेशन ट्रैकिंग - Khulasa Online एक साल में भी तैयार नहीं हो पाया सॉफ्टवेयर ही,कैसे होगी वाहनों की लोकेशन ट्रैकिंग - Khulasa Online

एक साल में भी तैयार नहीं हो पाया सॉफ्टवेयर ही,कैसे होगी वाहनों की लोकेशन ट्रैकिंग

जयपुर। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय पैनिक बटन और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की अनिवार्यता कर दी है। प्रदेश में परिवहन विभाग अभी तक पैनिक बटन और जीपीएस शुरू करने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार ही नहीं कर पाया है। ऐसे में खुद की खामी छिपाने के लिए वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन के आदेश ही जारी नहीं किए जा रहे हैं। बता दें कि टैक्सी वाहनों में महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए यह जरूरी है। इधर, शहर में यात्री वाहनों पर नजर डालें तो दिनों-दिन इनकी संख्या बढ़ रही है।

एक साल पहले जारी आदेश वापस लिए
परिवहन विभाग ने एक साल पहले यात्री वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस लगाने के आदेश जारी किए थे। वाहनों के पंजीयन के समय पैनिक बटन और जीपीएस लगाना जरूरी था। अब तक परिवहन विभाग और पुलिस विभाग मिलकर इसका संयुक्त कंट्रोल रूम नहीं बना सके हैं। ऐसे में पैनिक बटन यात्रियों के लिए अनुपयोगी साबित हुआ। सवाल खड़े होने के बाद विभाग ने आदेश वापस ले लिए।
ऐसे काम करता है पैनिक बटन
– यह एक लाल रंग का बटन होगा। बसों में 4 अलग-अलग जगह लगेगा
– पांच सीटर टैक्सी-कैब में ड्राइवर की सीट के पीछे लगेगा।
– खतरा महसूस होने पर कोई भी बटन दबा सकते हैं।
– बटन दबाते ही मैसेज गगन सॉफ्टवेयर पर जाएगा।
– यहां से पुलिस कंट्रोल रूम सूचना पहुंचेगी, यह वाहन सॉफ्टवेयर से जुड़ा होगा।
– वाहन सॉफ्टवेयर से सम्बंधित वाहन मालिक की पूरी सूचना निकल जाएगी।
– पैनिक बटन व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से भी जुड़ा होगा।
– सम्बंधित वाहन की लोकेशन भी पुलिस को मिल जाएगी।
– नजदीकी थाना पुलिस तुंरत गाड़ी को रुकवा पाएगी।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26