बीकानेर के इस क्षेत्र में आएं दिन तालाब के हालात,देखे विडियो - Khulasa Online बीकानेर के इस क्षेत्र में आएं दिन तालाब के हालात,देखे विडियो - Khulasa Online

बीकानेर के इस क्षेत्र में आएं दिन तालाब के हालात,देखे विडियो

बीकानेर। कुर्सी पर काबिज होने के बाद से ही महापौर सुशीला कंवर इस बात के दावे कर रही थी कि वो शहर को स्वच्छ व सुन्दर बनाने के लिये हर संभव प्रयास करेगी। इसके लिये अनेक आयोजनों में स्वच्छता के वादे भी किये गये। किन्तु उनके ये दावे और वादे अब बिल्कुल खोखले साबित हो रहे है। जब शहर के मुख्य मार्ग गंदगी से अटे है और न केवल यहां से गुजरने वाले देशी पर्यटक बल्कि विदेशी पर्यटक भी शहर की खिल्ली उड़ाने से नहीं चुकता। हालात ये है कि शहरवासियों को तो अब निगम से एतबार भी नहीं रहा,क्योंकि अनेक बार शिकायतों के बाद भी निगम की कार्यशैली व व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। हम बात कर रहे है कोठारी मेडिकल अस्पताल रोड की। जहां स्थित नाला शहरवासियों व स्थानीय लोगों के लिये परेशानी का सबब बना हुआ है। मंजर ये है कि कई बार स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि सुभाष स्वामी अपने क्षेत्रवासियों के साथ निगम प्रशासन को गुहार लगा चुके है। परन्तु निगम प्रशासन इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकाल रहा है। खुलासा की टीम ने जब स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उनका कहना है कि लंबे समय से यहां बने नाले की नियमित सफाई नहीं होने से यह गंदगी से अटा रहता है। जिससे इसका गंदला पानी सड़क के दोनों ओर पसर जाता है। यह पानी कई दिनों तक जमा रहने से क्षेत्र में मच्छरों की भरमार हो गई है और लोगों का जीना मुहाल हो गया है।þ

पार्षद प्रतिनिधि ने लगाया धरना
पार्षद प्रतिनिधि सुभाष स्वामी नाले की नियमित सफाई और स्थाई समाधान को लेकर पूर्व में अनेक बार रास्ता जाम व धरना प्रदर्शन तक कर चुके है। रविवार को भी स्वामी के नेतृत्व में जिला कलक्टर निवास पर धरना दिया गया। स्वामी का कहना है कि पिछले भाजपा बोर्ड में भी इस समस्या को लेकर अनेक बार महापौर व निगम प्रशासन से आग्रह किया और अब भी महापौर को इस बारे में अवगत कराया जा चुका है। किन्तु आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। जिससे परेशान होकर क्षेत्र की जनता ने आन्दोलन की राह अपनाई है। उन्होनें कहा कि सौ से ज्यादा पत्राचार कर चुके है। ऐसे में आखिर इस प्रकार की समस्या की जिम्मेदारी कौन उठाएगा।
घरोंं में भरा पानी
खुलासा की टीम ने जब इस क्षेत्र का निरीक्षण किया तो पाया कि क्षेत्र के अनेक घरों में गंदला पानी घुस गया है। जिससे घरों में लोगों का रहना व खाना भी हराम हो गया है। स्थिति ये है कि लोगों को घरों से बाहर बैठकर अपने कामकाज निपटाने पड़ रहे है।

लापरवाही की हद
पार्षद प्रतिनिधि सुभाष स्वामी ने जिला व निगम प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि के प्रार्थना पत्र के हालात ये है कि बीस दिनों तक भोलाराम के जीव की तरह फाइलों में दबी रहती है और क छुआ चाल से शिकायती प्रार्थना पत्र 24 जनवरी जिला कलक्टर कार्यालय से 3 फरवरी तक निगम कार्यालय पहुंचता है। यहीं नहीं निगम कार्यालय के एक कमरे से दूसरे कमरे तक पहुंचने में इस शिकायती पत्र को आठ दिन लगते है। यहां संबंधित अधिकारी के पास पहुंचने पर उसका जबाब दिया जाता है कि इसे बाबू से लिखवा कर भिजवाएं। एक पत्र पर बीस दिनों तक कार्यवाही न होना पारदर्शी प्रशासन की ओर इशारा नहीं करता।

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