खुलासा ऑपरेशन : कोरोना नहीं कर रहा भेदभाव, बीकानेर प्रशासन तो करेगा! - Khulasa Online खुलासा ऑपरेशन : कोरोना नहीं कर रहा भेदभाव, बीकानेर प्रशासन तो करेगा! - Khulasa Online

खुलासा ऑपरेशन : कोरोना नहीं कर रहा भेदभाव, बीकानेर प्रशासन तो करेगा!

– कुशाल सिंह मेड़तिया
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। जहां संविधान में सभी को समान अधिकार मिलने की बात कही जाती है वहीं दूसरी और समानता के इस अधिकार का मखौल भी आए दिन उड़ता नजर आता है। कोरोना महामारी जैसी गंभीर बीमारी में भी इसकी बानगी देखने को मिल रही हैं। जहां आर्टिकल-14, 15 का मखौल खुल्लेआम उड़ाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण ना कोई जात देखता है ना धर्म ना वर्ग और ना ही रंग। ऊंच – नीच भी इसमें नहीं है लेकिन बीकानेर का जिला प्रशासन इस प्रकार के भेदभाव जरूर देख रहा है। हम बात कर रहे है कोरोना पॉजीटिव भर्ती रोगियों के साथ भेदभाव की। एक और सत्ता के पार्षदों को विजयवर्गिय ढाणी में रखा गया है, यहां एसी, कुलर मुहैया करवाए जा रहे है वहीं आमजन को जाट धर्मशाला में भर्ती किया जा रहा है, वहां पर सिर्फ पंखें ही नसीब हो पा रहे है। ऐसे में सत्ताधारी पार्षदों व आमजन के साथ दौगलापन किया जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारी आर्टिकल-1४, 15 का उल्लंघन करने में तुले है।

भर्ती रोगियों का आरोप है कि इस संकट के दौर में शहरवासी प्रशासन का भरपूर सहयोग कर रहे हैं लेकिन बदले में प्रशासन इस तरह का भेदभाव कर रहा है, यह निन्दनीय है। उनका कहना है कि प्रशासन से यह उम्मीद कतही नहीं की जा सकती। साथ ही उनका कहना है कि आमजन के लिए बनाए गए कोविड सेंटरों में साफ-सफाई बिल्कुल नहीं होती है , जहगह-जगह गंदगी बिखरी पड़ी रहती है और सत्ताधारी पार्षदों के कोविड सेंटर में हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। बता दें कि दो दिन पहले सत्ता के पार्षद कोरोना की चपेट में आ गए, इन्हें वीआईपी फैकल्टी नहीं देने पर अन्य पार्षदों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रशासन ने कोरोना पॉजिटिव पार्षदों को विजयवर्गिय ढाणी में क्वारेंटीन किया और वीआईपी फैकल्टी मुहैया करवाई।

इनका कहना है :
कोरोना ना तो धर्म देखता है, और ना ही जाति व रंग। किसी के साथ भी भेदभाव नहीं करता है। भर्ती रोगियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
– हरीश लदरेचा, अधिवक्ता, राजस्थान हाईकोर्ट

जहां बीमारी किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है तो प्रशासन क्यों कर रहा हैं। कोविड मरीज एक समान है, उनके साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए।
– संजय रामावत, अधिवक्ता, राजस्थान हाईकोर्ट

एक तरफ कोविड़ सेंटर पर सामान्य संक्रमित व्यक्ति को एक बेड भी नसीब नहीं हो रहा है वहीं दूसरी तरफ विशेष राजनीतिक पहुंच रखने वाले को विशेष होटल में फाइव स्टार सुविधाओं का बंदोबस्त किया जा रहा है। प्रशासन और चिकित्सा विभाग द्वारा इस महामारी में संक्रमितों के साथ इस प्रकार का व्यवहार नैतिक के साथ साथ सवैंधानिक रूप से भी एक नागरिक के समानता के अधिकार अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का उल्लघंन है।

 – राम.एन. , शिक्षाविद्

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