बीकानेर के नामी दलाल की आई रिपोर्ट, दो दिन पुलिस रिमाण्ड पर, फोन टेपिंग प्रकरण का अपडेट जानिए - Khulasa Online बीकानेर के नामी दलाल की आई रिपोर्ट, दो दिन पुलिस रिमाण्ड पर, फोन टेपिंग प्रकरण का अपडेट जानिए - Khulasa Online

बीकानेर के नामी दलाल की आई रिपोर्ट, दो दिन पुलिस रिमाण्ड पर, फोन टेपिंग प्रकरण का अपडेट जानिए

खुलासा न्यूज़, बीकानेर। विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़ी कथित ओडियो टेप रिकार्डिंग मामले में जयपुर की सीजेएम कोर्ट ने आरोपी संजय जैन (लूनकरणसर) को 2 दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिये है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में 4 दिन की पुलिस रिमाण्ड में पूछताछ के बाद संजय जैन को कोर्ट में पेश किया गया.एसओजी ने मामले में गहन अनुसंधान के लिए 5 दिन का रिमाण्ड मांगा।

5 दिन की मांगी थी रिमाण्ड
राज्य सरकार की ओर से मामले में पैरवी के लिए नियुक्त किये गये विशेष लोक अभियोजक संतकुमार जैन ने पैरवी की.संतकुमार जैन ने एसओजी का पक्ष का रखते हुए अदालत को बताया कि संजय जैन द्वारा राज्य की चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए जिन स्थानों पर गया है उसमें मानेसर होटल भी है। विधायक भवंरलाल शर्मा से संजय जैन की लंबी बातचीत हुई और पैसों के लेनदेन की बात हुई है। पैसो की रिकवरी के साथ विधायक के साथ हुई बातचीत और अन्य बिंदूओं पर गहन जांच के लिए 5 दिन के रिमाण्ड की जरूरत है।

2 दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए
आरोपी संजय जैन की ओर से एडवोकेट विवेक बाजवा ने एसओजी के 5 दिन के रिमाण्ड का विरोध किया गया.बाजवा ने अदालत से कहा कि सिर्फ सोशलमीडिया में वायरल हुए एक आडियो के आधार पर देशद्राह की धारा में मामला नही बनता और ना ही पैसो की रिकवरी के लिए दुबारा रिमाण्ड दिया जा सकता है.बाजवा ने इस मामले में संसद हमले केस का भी जिक्र किया.जयपुर महानगर द्वितीय सीजेएम धर्मराज मीणा ने दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद आरोपी संजय जैन को 2 दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिये है.सुनवाई के दौरान एसओजी की ओर से संजय जैन की कोरोना रिपोर्ट भी पेश की गई जो कि नेगेटिव रही है।

फोन टेपिंग प्रकरण
दो माह से संजय जैन का फोन सर्विंलास पर था। राज्यसभा चुनाव से पूर्व ही गृह विभाग ने इस संबंध में मंजूरी दी थी। संजय जैन के फोन टेपिंग की मंजूरी सचिव एनएल मीणा ने दी थी। अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय को राज्य सरकार ने जवाब भेजा है।

अब गृह विभाग की इस टिप्पणी पर राजनीतिक क्षेत्रों में  बवाल मचा है। जब सरकार ने नहीं कराया तो आखिर कैसे हुआ गजेंद्र सिंह, विश्वेंद्र सिंह और भंवरलाल शर्मा का फोन टेप ?

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