तेजी से फैल रहा सट्‌टे का नशा, नहीं रुका तो बेहद बुरे होंगे परिणाम - Khulasa Online तेजी से फैल रहा सट्‌टे का नशा, नहीं रुका तो बेहद बुरे होंगे परिणाम - Khulasa Online

तेजी से फैल रहा सट्‌टे का नशा, नहीं रुका तो बेहद बुरे होंगे परिणाम

खुलासा न्यूज,बीकानेर। सट्‌टे के दलदल में फंसकर युवा लाखों रुपए कमाने के चक्कर में खुद के भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं। परिजनों के कहने के बाद भी वे गंभीर नहीं हैं। हालात ये हैं कि जिले में कई युवक मौत तक को गले लगा चुके हैं। इधर, बुक चलाने वाले सौदागार युवकों से खेल-खेल में रुपए कमाकर चांदी कूट रहे हैं।
जिले में रोज 20 करोड़ रुपए के सट्‌टे में हजारों युवक चपेट में हैं। हालांकि पुलिस ने पिछले दो दिनों में दिखावटी कार्यवाही कर कुछ जनों को गिरफ्तार जरूर किया है। बावजूद सटोरियों के हौसले बुलंद हैं। क्योंकि कार्रवाई के बाद भी सट्‌टा जारी है। नशे की तरह सट्टे की लत में जकड़ चुके युवाओं को ही आगे आकर इसे रोकना होगा। आईपीएल पर चल रहे अवैध धंधे के इस कारोबार को लेकर कई शिक्षाविद् व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि सट्‌टे में अक्सर हार का ही सामना करना पड़ता है। वे परिवार और खुद के भविष्य के बारे में न सोचकर गलत दिशा में जा रहे हैं, जो बेहद घातक है। पुलिस इस ओर प्रभावी कदम नहीं उठा रही। एक अनुमान के मुताबिक सट्टे से देश को कई हजार करोड़ का नुकसान होता है, क्योंकि हमारे देशों का पैसा विदेशों के हाथ मे जाकर हमारी बची-खुची इकोनॉमी को भी बर्बाद कर रहा है।
बच्चों पर परिवार ध्यान दें
सामाजिक कार्यकर्ता डी पी पच्चीसिया का कहना है कि सट्‌टे पर रोक लगाने के लिए परिवार के लोगों को आगे आना होगा, जिसका कोई सदस्य इस तरह का धंधा करता है तो वे मिलकर उसे रोकने का प्रयास करें। उसे अच्छे से गाइड करें। फिर भी नहीं मानता तो पुलिस को सूचित करें, ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई हो। ऐसा नहीं किया तो बुरे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
सट्टे में हार से होती है गलत काम की शुरूआत
शिक्षाविद् नवेन्दु खत्री का मानना है कि युवक सट्‌टे में खुद और परिवार को बर्बाद कर रहे हैं। सट्‌टे में वह एक दिन रुपए जीतने के बाद उसे लालच का नशा हो जाता है, यहीं से उसके जीवन की उल्टी गिनती शुरू होती है। रुपए नहीं होने के बाद उसे सट्‌टा खेलने के लिए चोरी या ब्याज पर रुपए लेने की नौबत आ जाती है। हालात उसे गलत काम करने के लिए तक प्रेरित करते हैं।
इसके खिलाफ मुहिम चलाने की जरूरत
समाजसेवी अशोक बेबरवाल का कहना है कि जल्दी पैसा कमाने के चक्कर वे गलत दिशा में जा रहे हैं, जबकि उन्हें ये नहीं पता कि वे रुपए बर्बाद कर रहे हैं। हर समाज को आगे आकर सट्‌टे को रोकने का प्रयास करना चाहिए। समाज के रोल मॉडल को खुलकर सामने आएं। युवाओं को ही इससे जोड़कर मुहिम छेड़ें।

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