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राजस्थान / 7 लाख से ज्यादा किसान फसली ऋण से होंगे वंचित! बैंकों की लापरवाही बनी बड़ी वजह

जयपुर: खरीद के ऋण वितरण की प्रक्रिया खत्म होने को है, लेकिन प्रदेश के काश्तकार फसली ऋण के इंतजार में खाली हाथ बैठे हैं. सहकारिता विभाग के लचर प्रबंधन का नतीजा है कि डिफाल्टर किसानों को ऋण नहीं दिया जा रहा ऐसे में 7 लाख से अधिक किसान ने केवल फसली ऋण वरन बीमा योजना से भी हाथ धो बैठेंगे. सहकारिता विभाग ने 1 जुलाई से डिफॉल्टर किसानों के रजिस्ट्रेशन के आदेश जारी किए थे. इसके बाद बैंक ने जीएसएस स्तर पर डिफॉल्टर किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की. करीब दस दिन तक साइट नहीं चलने के कारण रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं हुए. इसके बाद वर्ष 2018 को कर्जमाफी में डिफॉल्टर किसानों के फिंगर प्रिंट हो गए, लेकिन 2019 के डिफॉल्टर किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ. लंबे इंतजार के बाद पोर्टल अपडेट होने के बाद सभी डिफॉल्टर किसानों का रजिस्ट्रेशन हो गया.

अब बैंक ऋण वितरित करने में कर रहे हैं देरी:
अब बैंक ऋण वितरित करने में देरी कर रहे हैं. इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. किसानों को पिछले दो साल से फसली कर्ज नहीं मिला है. वर्ष 2018 व 2019 में कर्जमाफी के बाद इन किसानों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया. इस वजह से 2020 में भी किसानों को कर्ज नहीं मिला खरीफ सीजन 2021 में राज्य सरकार ने डिफॉल्टर किसानों को छूट दी, लेकिन रजिस्ट्रेशन होने के बाद भी कर्ज नहीं मिला है. ऋण वितरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. अब सिर्फ 3 दिन ही शेष रहे हैं.

डिफ़ॉल्टर किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू:
इस दौरान ऋण वितरित नहीं किया गया तो 7 लाख से ज्यादा किसान लगातार तीसरे साल भी कर्ज से वंचित रह जाएंगे. सीएम ने डिफॉल्टर किसानों को खरीफ सीजन 2021 में फसली ऋण देने की घोषणा की थी. इसके बाद सहकारिता विभाग ने डिफ़ॉल्टर किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी. 27 दिन बाद भी बैंकों ने किसानों को ऋण वितरण शुरू नहीं किया है. रजिस्ट्रेशन व साख सीमा बनाकर इतिश्री कर ली, लेकिन किसान खाली हाथ हैं. इस मामले में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि डिफॉल्टर किसानों का रजिस्ट्रेशन होने के बाद कर्ज बांटने के बैंकों को निर्देश दे रखे हैं. विभाग स्तर पर कोई इश्यू नहीं है.

किसान कर्ज के लिए चक्कर काटने को मजबूर:
बैंकों को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वंचित किसानों को फसली ऋण वितरित करना होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद भी प्रदेश के 29 जिलों के सात लाख डिफॉल्टर किसानों को फसली ऋण नहीं बांटा गया. जीएसएस स्तर पर कर्ज माफी 2018 व 2019 के डिफॉल्टर किसानों का रजिस्ट्रेशन होने के साथ साख सीमा भी बन गई, लेकिन सीसीबी स्तर पर किसानों को कर्ज नहीं दिया जा रहा है. 31 जुलाई खरीफ फसल बीमा की अंतिम तिथि है. ऐसे में ऋण वितरित नहीं होने से 7 लाख किसान फसल बीमा योजना से वंचित रह जाएंगे. सहकारिता विभाग व बैंक अधिकारियों के बीच तालमेल के अभाव में किसान कर्ज के लिए चक्कर काटने को मजबूर हैं.

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