फऱार वारंटियों व वांछित अपराधियों, भगौड़ों की धरपकड़ को लगाई टीम - Khulasa Online फऱार वारंटियों व वांछित अपराधियों, भगौड़ों की धरपकड़ को लगाई टीम - Khulasa Online

फऱार वारंटियों व वांछित अपराधियों, भगौड़ों की धरपकड़ को लगाई टीम

बीकानेर।संभाग के गंगानगर साल के अंत में वांछित अपराधी, पीओ, भगौड़े व वारंटियों की धरपकड़ के लिए बनाई गई पुलिस टीम की ओर से करीब डेढ़ माह में 90 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा अन्य वारंटियों की तलाश में कई टीमें दबिश की कार्रवाई कर रही है। पुलिस महानिदेश के निर्देश पर जिले में वांछित अपराधी, स्थायी वारंटी, पीओ, भगौड़ों व वारंटियों की धरपकड़ के लिए महिला अपराध अन्वेषण सेल के प्रभारी आरपीएस राहुल यादव के नेतृत्व में विभिन्न थानों के पुलिसकर्मियों को शामिल कर 16 जनों की टीम बनाई गई।</श्च>
टीम का प्रभारी मानव तस्करी विरोधी यूनिट प्रभारी सुखराम चोटिया को बनाया गया। इस टीम में मानव तस्करी विरोधी यूनिट, सदर थाना, पुलिस लाइन, कोतवाली, पुरानी आबादी ािाना, जवाहरनगर थाना, पदमपुर थाना, रायसिंहनगर थाना से पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। जो तीन या चार की टीम बनाकर वारंटियों की सूची लेकर पता लगाते हैं और मिलते ही गिरफ्तार कर लिए जाते हैं। यह कार्रवाई डेढ़ माह से चल रही है। जिसमें अभी तक 90 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बड़े जतनों से पकड़े जाते हैं फरार वारंटी व भगौड़े
वारंटियों को पकडऩे वाले पुलिसकर्मियों ने बताया कि वे सादा कपड़ों में रहते हैं और सिविल गाड़ी का ही इस्तेमाल करते हैं। सूची लेकर वारंटी के घर बैंककर्मी या चिकित्सा विभाग का कर्मचारी बनकर जाते हैं। वारंटी के परिवार को सब्सीडी मिलने, सरकार की हैल्थ स्कीम के तहत फायदा पहुंचाने आदि की बात कहते हैं और संबंधित व्यक्ति की जानकारी लेते हैं।</श्च>
ऐसे में घर वाले या तो वारंटी के मोबाइल नंबर देते हैं या फिर उसे बुला लाते हैं। यदि उसे बुलाया जाता है तो पुलिस पकडकऱ ले आती है। यदि वह घर नहीं होता है तो नंबर लेकर पहले टे्रस किया जाता है और दो-तीन दिन रैकी करते हैं। इसके बाद सुबह पांच बजे अंधेरे में जाकर गिरफ्तार कर लिया जाता है। कभी कोई पुलिसकर्मी कोरियर वाला बन जाता है। इस तरह वारंटियों की धरपकड़ की जाती है।

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