पंचायत चुनाव: 97 साल की उम्र में सरपंच बनी विद्या देवी, यह रहेगी पहली प्राथमिकता
नीमकाथाना।
लोकतंत्र में मतदाताओं से बड़ा कोई नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नीमकाथाना इलाके की पुरानाबास ग्राम पंचायत में देखने को मिला। यहां 97 साल की विद्या देवी के सिर जीत का सेहरा बंधा है। लोकतंत्र में मतदाताओं से बड़ा कोई नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नीमकाथाना इलाके की पुरानाबास ग्राम पंचायत में देखने को मिला। यहां 97 साल की विद्या देवी के सिर जीत का सेहरा बंधा है। ें विद्यादेवी ने कहा कि बस्ती रो प्यार मनै मुखिया बनायो। विद्या देवी को प्रदेश में संभवतया सबसे उम्रदराज सरपंच माना जा रहा है। चार दिन पहले उनके पुत्र नरेन्द्र की मौत हो गई थी। विद्या देवी की जीत की खुशी केवल गांव पुरानाबास ही नहीं बल्कि पूरा शहर मना रहा है। सरंपच विद्या देवी ने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता गांव को स्वच्छ बनाने की रहेगी। इसके अलावा गांव के सभी बुजुर्गों को पेंशन मिले। इसके लिए वे उच्च अधिकारियों से बात कर बुजुर्गों की पेंशन शुरू करवाने का जल्द कार्य करेगी। पेयजल के बारे में बताया कि वे अपने कार्यकाल में हर व्यक्ति के घर-की दहलीज तक पानी पहुंचाने का काम कराएगी।
वर्षो से सियासत से रिशता: सरपंच विद्या देवी का परिवार शुरू से ही राजनीति से जुड़ा रहा है। जब पंचायतों का गठन किया गया था उस समय इनके ससुर सुबेदार सेडूराम बहादूर सरपंच चुने गए थे। इसके बाद 1977 में कांग्रेस की टिकट से विधायक का चुनाव हारने के बाद इनके पति मेजर शिवराम सिंह को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरंपच चुना। इनका बड़ा बेटा रामसिंह व देवरानी भगवती देवी भी सरपंच के पद पर रह चुकी है। वर्तमान में पोता मोंटू कृष्णियां जिला परिषद सदस्य है। ग्राम पंचायत में कुल 3945 मतदाता है। शुक्रवार को 2846 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। परिणाम में पांच उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा विद्या देवी को 843 मत मिले। आरती मीणा को 636, झमकोरी देवी को 503, विमला देवी को 455 व सबसे कम सुमन देवी को 424 वोट मिले।