फर्जी बैंक खाते खुलवाने के मामले में सक्षम पुलिस अधिकारी से अन्वेषण करवाने के आदेश - Khulasa Online फर्जी बैंक खाते खुलवाने के मामले में सक्षम पुलिस अधिकारी से अन्वेषण करवाने के आदेश - Khulasa Online

फर्जी बैंक खाते खुलवाने के मामले में सक्षम पुलिस अधिकारी से अन्वेषण करवाने के आदेश

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदनलाल भाटी ने माननीय विद्धान अधीनस्थ न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 बीकानेरका आदेश अपास्त कर सक्षम पुलिस अधिकारी से अन्वेषण करवाने के आदेश दिए। प्रकरण के अनुसार हस्तगत प्रकरण में परिवादी गगन कुमार सेठिया एडवोकेट द्धारा पूर्व में उसके नाम से फर्जी बैंक खाता खुलवाए जाने हेतु एफ आई आर पुलिस थाना कोटगेट में दर्ज करवाई गई थी जिसके अन्वेषण में जाँच अधिकारी द्धारा कूटरचित बैंक खाता खुलवाने का आवेदन फॉर्म बैंक से बरामद किया गया और दस्तावेजों सहित न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष जांच नतीजा के साथ पेश किया गया जिसमें पत्रवाले देखने पर परिवादी को ज्ञात हुआ कि मुल्जिमगण द्धारा उसके नाम से एक कूटरचित वोटर आईडी भी बनाकर असल के रूप में खाता खुलवाने हेतु दुरुपयोग की गयी है। जिस पर परिवादी द्धारा थानाधिकारी पुलिस थाना जय नारायण व्यास कॉलोनी तथा जिला पुलिस अधीक्षक को इस बाबत एफआईआर दर्ज करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया। परन्तु कार्यवाही नहीं होने पर परिवादी द्धारा माननीय विद्धान अधीनस्थ न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 बीकानेर के समक्ष अंतर्गत धारा 156 (3 ) दंड प्रक्रिया संहिता के इस्तगासा पेश किया गया।माननीय विद्धान अधीनस्थ न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 बीकानेर द्धारा परिवादी द्धारा प्रस्तुत परिवाद में धारा 200 व 202 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कथन लेखबद्ध किये जाने के पश्चात् पुलिस थाना जय नारायण व्यास कॉलोनी बीकानेर को अन्वेषण हेतु परिवाद भेजा गया। जहां से यह रिपोर्ट दी गयी की मामला पुलिस थाना कोटगेट के हल्के का होने से वास्ते अन्वेषण पुलिस थाना कोटगेट भिजवाया जावें। परन्तु माननीय विद्धान अधीनस्थ न्यायालय द्धारा अपने आदेश पारित करने से पूर्व धारा 202 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत सम्बंधित आरक्षी केंद्र पुलिस थाना कोटगेट को परिवाद अन्वेषण हेतु नहीं भेजा गया और बगैर वहां से अन्वेषण करवाए आदेश पारित किया गया। जिससे असंतुष्ट होने पर परिवादी द्धारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष निगरानी याचिका पेश की गयी। विद्धान लोक अभियोजक ने भी बहस में यह तथ्य स्वीकार किया कि हस्तगत प्रकरण में धारा 202 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कोई अन्वेषण रिपोर्ट किसी भी पुलिस अधिकारी द्धारा माननीय विद्धान अधीनस्थ न्यायालय के समक्ष पेश नहीं की गयी है । बहस सुनने के बाद माननीय माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्धारा निगरानी याचिका स्वीकार करते हुवे माननीय विद्धान अधीनस्थ न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 बीकानेर द्धारा पारित आदेश अपास्त करते हुवे निर्देशित किया गया कि प्रकरण में धारा 202 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत सक्षम पुलिस अधिकारी से अन्वेषण करवाकर रिपोर्ट प्राप्त होने पर परिवादी निगरानी कर्ता को सुनवाई का अवसर देकर परिवादी निगरानी कर्ता द्धारा प्रस्तुत परिवाद का नए सिरे से विधि अनुसार निस्तारण करें। निगरानी कर्ता की तरफ से पैरवी स्वयं निगरानी कर्ता अधिवक्ता गगन कुमार सेठिया एडवोकेट तथा गैर निगरानी कर्ता राजस्थान राज्य की तरफ से पैरवी लोक अभियोजक कमल नारायण पुरोहित एडवोकेट ने की।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26