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अब स्कूलों में होंगे चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर

जयपुर। बच्चों खासतौर पर बालिकाओं के प्रति लगातार बढ़ती यौन हिंसा (sexual violence against children especially the girl child) को देखते हुए अब शिक्षा विभाग (School education Department) ने स्कूली बच्चों (School Students) को इस दिशा में जागरुक (aware) करने का मानस बनाया है। इसी प्रक्रिया के तहत अब प्रदेश के प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों (Schools of elementary and secondary education in the state) में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर की जानकारी (child helpline number information) देने के लिए पोस्टर और फ्लेक्स (posters and flex) लगाए जाएंगे। इतना ही नहीं इनके जरिए बच्चों को गुड टच और बैड टच (Good Touch Bad Touch-) समझाने का प्रयास भी किया जाएगा। साथ ही कानूनी प्रावधान भी बताए जाएंगे जिससे बच्चों के साथ अभिभावक भी इस दिशा में जागरुक हो सकें।
इमरजेंसी में मदद करेगा हेल्पलाइन नंबर
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने राज्य के प्रारंभिक शिक्षा के ५२३४१ और माध्यमिक शिक्षा के १५०१८ स्कूलों में इस संबंध में पोस्टर लगाए जाने के निर्देश भी दिए हैं। इन पोस्टर्स और फ्लेक्स में चाइल्ड हेल्पलाइन का नंबर दिया जाएगा। देखने में आया है कि अब भी अभिभावक इस संबंध में जागरुक नहीं हैं। अगर किसी बालिका या बच्चे के साथ इस प्रकार की घटना होती है तो अपराध के विरूद्ध आवाज उठाने की जगह मामले को दबा दिया जाता है। जिसका असर बच्चों के मानसिक विकास पर पड़ता है।
यह पोस्टर सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श विषय पर आधारित होगा जिसके जरिए स्कूल में बालिका उत्पीडऩ और बाल यौनाचार की घटनाओं पर अंकुश लगाए जाने में मदद मिल सकेगी। यह पोस्टर इस प्रकार से बनाए जाएंगे जिससे पोस्टर के जरिए बच्चे सही और गलत स्पर्श के बारे में समझ सकेंगे। वहीं दूसरा पोस्टर या फ्लेक्स में बाल अपराध और सजा पर आधारित होगा जिसमें विभिन्न प्रकार के बाल अपराधों के संबंध में कानूनी प्रावधान के संबंध में जानकारी दी जाएगी। परिषद इन पोस्टर्स के लिए प्रति पोस्टर १५०० रुपए और फ्लेक्स पर ७५० रुपए की राशि स्कूलों को प्रदान करेगा। इन्हें स्कूलों में इस तरह से लगाया जाएगा कि स्कूल आने वाले हर बच्चे और उसके अभिभावक इन्हें आसानी से देख पढ़ और समझ सकें।
ऑनलाइन क्लास में भी समझा रहे गुड टच और बैड टच
भले ही कोरोना के कारण छोटे बच्चों के स्कूल बंद हों, लेकिन बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी स्कूल की तरह ही लगातार जारी है। जिस तरह से छोटे बच्चों के स्कूल पहुंचने पर शिक्षिकाएं उन्हें गुड टच और बैड टच का पाठ पढ़ाती थीं। ठीक उसी तरह से इन दिनों छोटे.छोटे बच्चों को ऑनलाइन इसके बारे में बताया जा रहा है। खास बात यह है कि इस सेशन में बच्चों के अभिभावक भी शामिल हो रहे हैं और किस तरह से बच्चों को जागरुक करना है इसके बारे में जान रहे हैं। बच्चा अपने घर पर सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। कोरोना के कारण वैसे भी इन दिनों बच्चे अपना ज्यादातर वक्त घर पर ही रहते हुए बिता रहे हैं। इस दौरान टीचर बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जो भी समझ विकसित कर रहे हैं अभिभावक भी बच्चों को इसे अपने स्तर पर समझा रहे हैं। इस तरह से बच्चों को जागरुक किया जा रहा है कि उनके साथ यदि कोई गलत हरकत करता है तो वे अपने अभिभावकों से इस पर बात कर सकें।

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