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अब पीएम निवास पर धरने की तैयारी, सीएम गहलोत ने लिए ये बड़े फैसले

जयपुर। कांग्रेस विधायक दल ने आज एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया और संकल्प लिया कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए चाहे राष्ट्रपति भवन जाना पड़े या फिर पीएम नरेन्द्र मोदी के निवास पर, कहीं पर भी पीछे नहीं हटेंगे।
सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी विधायकों ने हाथ खड़े कर विश्वास व्यक्त किया। बैठक को सीएम गहलोत ने सम्बोधित करते हुए भाजपा पर निशाना साधा और उन पर जमकर हमले किए। गहलोत ने कहा कि सरकार बहुमत साबित करना चाहती है लेकिन अभी तक राज्यपाल ने सत्र आहूत नहीं किया है।
गहलोत को विधायकों ने विश्वास दिलाया कि यदि 21 दिन होटल में रुकना पड़े तो भी रुकेंगे। बैठक को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय माकन, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने भी सम्बोधित किया।
कैबिनेट भेजेगी राज्यपाल को जवाब
थोड़ी देर बाद सीएम गहलोत अपने निवास पर मंत्रिमण्डल की बैठक लेंगे जिसमें वो राज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर छह बिन्दु पर जवाब देंगे। वे राज्यपाल से मिल भी सकते है।
यह हैं वो छह बिन्दु
विधानसभा सत्र को किस तिथि से आहूत किया जाना हे, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और ना ही केबिनेट की ओर से कोई अनुमोदन किया गया है । अल्प सूचना पर सत्र बुलाए जाने का न तो कोई औचित्य प्रदान किया गया है और ना ही कोई एजेण्डा प्रस्तावित किया गया है। सामान्य प्रक्रिया में सत्र आहूत किए जाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना आवश्यक होता है ।
यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है।
राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी विधायकों की स्वतन्त्रता एवं उनका स्वतंत्र आवागमन भी सुनिश्चित किया जाए। कुछ विधायकों की निर्योग्यता का प्रकरण उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। उसका संज्ञान भी लिए जाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए गए हैं। साथ ही कोरोना के राजस्थान राज्य में वर्तमान परिपेक्ष्य में तेजी से फैलाव को देखते हुए किस प्रकार से सत्र आहूत किया जाएगा, इसका भी विवरण दें । राजभवन की ओर से स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक कार्य के लिए संवैधानिक मर्यादा और सुसंगत नियमावलियों में विहित प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जाए।

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