नयाशहर थाने ने 2019 में पाया एक नबंर स्थान अपराधों में - Khulasa Online नयाशहर थाने ने 2019 में पाया एक नबंर स्थान अपराधों में - Khulasa Online

नयाशहर थाने ने 2019 में पाया एक नबंर स्थान अपराधों में

बीकानेर। जिला पुलिस का नया शहर ऐसा थाना है, जहां वर्ष 2019 में सबसे ज्यादा अपराध दर्ज हुए हैं। दूसरे नंबर पर सदर थाना। बीते साल में नया शहर थाने में सर्वाधिक 748 मुकदमें दर्ज हुए,वहीं सदर थाने में 557 मुकदमें दर्ज हुए है। जबकि सालभर में सबसे कम मुकदमें जिला पुलिस के दंतौर थाने में दर्ज हुए है,पुलिस आंकड़ों के अनुसार बीते साल दंतौर थाने में महज 74 मुकदमें ही दर्ज हुए है। जिला पुलिस के तमाम 27 थानों में दर्ज मामलों में सबसे ज्यादा आईपीसी के मामले दर्ज हैं। इनमें मारपीट, लूट, डकैती, हत्या, रेप और छेडख़ानी के मामले दर्ज हैं। खुदकुशी के मामलों पर नजर डाली जाये तो जिले में बीते साल 777 मर्ग दर्ज हुई,इनमें श्रीडूंगरगढ थाने में सर्वाधिक 74 मामले दर्ज हुए। खुदकुशी के मामलों में दूसरे नंबर पर रहा नोखा थाना,जहां सालभर में 55 मामले दर्ज हुए है।
लोगों में कम हो रही सहनशीलता
शहर सहित जिलेभर में मारपीट के मामले सबसे ज्यादा दज्र हुए हैं। 70 से 80 प्रतिशत मामले केवल मारपीट हैं। इससे साफ है कि लोगों में सहनशीलता कम हो रही है। थोड़ी से बात पर लोगों में लाठी-डंडे चल जाते हैं। कई जगह नौबत हत्या तक पहुंच गई। लोगों में जागरुकता भी आई है। कोई भी विवाद करता है तो लोग थाने में जाकर शिकायत करते हैं। हर दिन औसत 18 मामले दर्ज होते हैं। इनमें 10 से 12 मामले मारपीट के दर्ज हो रहे हैं।
महिलाएं भी घरों में नहीं सुरक्षित
उधर, महिलाओं के प्रति अपराधों का ग्राफ कम नहीं हो रहा है। इस साल भी किशोरियों के किडनैपिंग के साथ ही बच्चियों और महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले सामने आए हैं। नवंबर और दिसंबर में ही 50 से अधिक मामले सामने आए। यहां तक की रेप की घटनाएं भी दर्ज की गईं। महिलाएं सबसे ज्यादा अपने परिचितों से पीडि़त हुई हैं।
ये हैं अपराध बढऩे के पीछे वजह
अपराधों के बढऩे के पीछे मनोरोग विशेषज्ञ डा. राजेंद्र सिंह भाटी ने कई वजह बताई हैं। उनका कहना है कि समाज में नशा की प्रवृति बढ़ रही है। इससे अच्छा और बुरे में फर्क नहीं कर पा रहे हैं। नशे की चपेट में नवयुवक आ गए हैं। घरों में अनुशासन नहीं है। स्कूलों में भी अनुशासन नहीं मिलता। इसलिए समाज से भी अनुशासन गायब हो गया है। समय पर दंड नहीं मिलने से व्यक्ति में ये भावना आ रही है कि उसका कुछ नहीं बिगड़ा तो मेरा क्या बिगड़ेगा। लोग पैसे को बहुत तबज्जो दे रहे हैं और पैसा प्राप्त करने जरिया कुछ भी अपना रहे हैं। इस वजह से अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है।

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