"साथ जीने-मरने का वादा हुआ पूरा, एक साथ बुजुर्ग दंपत्ति ने तोड़ा दम" - Khulasa Online "साथ जीने-मरने का वादा हुआ पूरा, एक साथ बुजुर्ग दंपत्ति ने तोड़ा दम" - Khulasa Online

“साथ जीने-मरने का वादा हुआ पूरा, एक साथ बुजुर्ग दंपत्ति ने तोड़ा दम”

सुजानगढ़. साथ जिएंगे-साथ मरेंगे.. गीत के बोल साकार करते हुए यहां वार्ड नम्बर 19 में दिवंगत हुए एक वृद्ध दम्पति का  साथ में दाह संस्कार किया गया। वृद्ध दम्पति का   रात को थोड़े समय के अन्तराल में निधन हो गया। 74 वर्षीय मैनादेवी पारीक की रात को 11 बजे ह्रदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। इसकी सूचना पर उसके पति 77 वर्षीय सदासुख पारीक ने दो घंटे बाद ही दम तोड़ दिया। सदासुख की तबीयत बिगड़ी तब सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया  को पति-पत्नी दोनों की अर्थी साथ-साथ निकली। जिन पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। इनके दामाद रामनिवास जोगलिया ने बताया कि एक ही चिता पर सदासुख-मैनादेवी को उनके पुत्र मनोजकुमार ने मुखाग्नि दी। शहर में इसकी दिन भर चर्चा रही। साधारण परिस्थिति में पति-पत्नी की ऐसी मृत्यु विरले ही होती है। गौरतलब रहे कि 20 अक्टूबर 2016 दूलिया बास में वृद्ध दम्पति राधेश्याम बागड़ा-चौथीदेवी का निधन एक साथ ही हुआ था

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