कुलपति ने किया कृषि अनुसंधान केन्द्र का अवलोकन - Khulasa Online कुलपति ने किया कृषि अनुसंधान केन्द्र का अवलोकन - Khulasa Online

कुलपति ने किया कृषि अनुसंधान केन्द्र का अवलोकन

बीकानेर।। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने गुरुवार को कृषि अनुसंधान केन्द्र का अवलोकन किया।
लगभग तीन घंटे चली विजिट के दौरान उन्होंने अनुंसधान क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को देखा तथा इनका लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं। यह सार्थक तभी होंगे, जब किसान इनका अनुसरण करें और पैदावार तथा आय बढ़ाएं। इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों से समन्वय रखते हुए किसानों को इनसे रूबरू करवाया जाए।
प्रो. सिंह ने केन्द्र द्वारा मुंगफली में जडग़लन और कीट लगने की समस्या के समाधान तथा जल्दी पकने वाली कम अवधि की फसलों की विभिन्न किस्मों पर किए जा रहे अनुसंधानों को देखा। इसमें आने वाली व्यावहारिक परेशानियों के बारे में जाना। वूलन वेस्ट से खाद बनाने, लवणीय मृदा व जल पर फलदार पौधों के ज्यादा से ज्यादा उत्पादन के लिए किए जा रहे अनुसंधान के संबंध में जाना। उन्होंने अलग-अलग रंगों के शेड-नेट में सब्जियों तथा मुंगफली और मोठ बीज के उत्पादन कार्यक्रम का अवलोकन किया।
अनुसंधान निदेशक प्रो. एस एल गोदारा ने उन्हें केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। कुलपति प्रो. सिंह ने केन्द्र पर कार्यरत कृषि वैज्ञानिकों के कार्यों की समीक्षा की तथा कार्यालय की व्यवस्थाओं को देखा। च्टीम भावनाज् के साथ कार्य करने को कहा। इस दौरान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पी. एस. शेखावत, उपनिदेशक (बीज) प्रो. एम एम शर्मा, डॉ. चित्रा हैनरी, डॉ. शिशपाल, डॉ. बीडीएस नाथावत, डॉ. राजेन्द्र सिंह, इंजी. ए. के. सिंह, डॉ. योगेश शर्मा, डॉ. एस आर यादव, डॉ. अमर सिंह गोदारा, डॉ. आर. सी. बैरवा सहित अन्य कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहे।
जानी कृषि यंत्र परीक्षण की विधि
कुलपति प्रो. सिंह ने कृषि यंत्र एवं मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र का अवलोकन किया। उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा सब्सिडी पर दिए जाने वाले कृषि यंत्रों के परीक्षण की त्रिस्तरीय व्यवस्था को समझा तथा कहा कि परीक्षण के दौरान मानकों का ध्यान रखा जाए। केन्द्र प्रभारी इंजी. विपिन लढ्ढा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा पूरे देश में ऐसे 31 तथा राज्य में दो केन्द्र स्थापित किए गए हैं। केन्द्र को अब तक 1 हजार 193 यंत्रों के परीक्षण के आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा यंत्र परीक्षण से विश्वविद्यालय को 3.30 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने बताया कि केन्द्र द्वारा कृषि विद्यार्थियों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी किए जाते हैं। इस दौरान अनुसंधान निदेशक प्रो. एस. एल. गोदारा तथा सूरज रतन रंगा मौजूद रहे।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26