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जीवन में लक्ष्य का निर्धारण करना जरूरी

डूंगर काॅलेज में संवाद संगम कार्यक्रम सम्पन्न
बीकानेर। राजकीय डूंगर महाविद्यालय के युवा विकास केन्द्र में गुरूवार को आयुक्तालय, काॅलेज शिक्षा जयपुर के रेस कार्यक्रम के तहत संवाद संगम कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। प्राचार्य डाॅ. सतीश कौशिक ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर निगम के उपायुक्त श्री रणजीत बिजारणिया एवं विशिष्ट अतिथि नव चयनित न्यायिक सेवा अधिकारी सुश्री भानु प्रिया जैन रहीं।  संचालन डाॅ. मोहम्मद हुसैन ने किया। डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम प्रभारी डाॅ. संध्या जैन ने विषय प्रवर्तन करते हुए संवाद संगम की महत्ता पर प्रकाश डाला। डाॅ. जैन ने कहा कि छात्रों को केन्द्र में रखकर ही ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। वरिष्ठ संकाय सदस्य डाॅ. शालिनी मूलचन्दानी ने विद्यार्थियों से संस्कारवान बनने की अपील की।  इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित रहे ।  अभिभावक  इरशाद अजीज ने डूंगर महाविद्यालय की शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों की सराहना की।  उन्होनें कहा कि महाविद्यालय में शिक्षण के अतिरिक्त खेलकूद पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।  अभिभावक के रूप में अपने उद्बोधन में राजस्थानी भाषा एवं साहित्य अकादमी के सचिव शरद केवलिया ने कहा कि  महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाािहये।प्राचार्य डाॅ. सतीश कौशिक ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थियों के अभिभावकों से फीड बैक मिलने में काफी सहायता मिलती है।  डाॅ. कौशिक ने कहा कि पूर्व की बैठकों में दिये गये सुझाव पर सघन एवं सकारात्मक कार्यवाही की जा रही है।  उन्होनें कहा कि महाविद्यालय में शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के हर सभ्मव प्रयास किये जा रहे हैं।
विशिष्ट अतिथि सुश्री भानुप्रिया जैन ने अपने जीवन की संघर्षपूर्ण कहानी का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों से आह्वान किया कि संघर्ष का परिणाम सदैव बेहतर होता है। सुश्री जैन ने कहा कि जीवन में लक्ष्य का निर्धारण करना जरूरी है।  साथ ही नियमित अध्ययन तथा सकारात्मक सोच के साथ जीवन में आगे बढा जा सकता है।
मुख्य अतिथि  रणजीत बिजारणिया ने विद्यार्थियों से अधिकाधिक पुस्तकें पढ़ने का आह्वान किया।  उन्होनें देश के सामाजिक इतिहास एवं परम्पराओं को जानने की सीख दी।  उन्होनें कहा कि किसी भी महाविद्यालय में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के मध्य सामंजस्य के बिना आगे बढ़ना असम्भव है।  श्री बिजारणिया ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने पर विशेष बल दिया।  साथ ही उन्होनें कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफता हेतु अंग्रेजी एवं कम्प्युटर का ज्ञान होना बेहद आवश्यक है।  वरिष्ठ संकाय सदस्य डाॅ. शिशिर शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय के विकास में अभिभावकों का योगदान जरूरी है।  इस अवसर पर डाॅ. नरेन्द्र नाथ, डाॅ. नन्दिता सिंघवी, डाॅ. विक्रमजीत, डाॅ. श्याम सुन्दर ज्याणी, डाॅ. प्रकाश अमरावत, डाॅ. राजकुमार ठठेरा, डाॅ. उषा कंवर सहित अनेक संकाय सदस्य, अभिभावक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
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