आरएसवी स्कूल में डॉ बिस्सा ने कहा की भुवन से सीखे जीवन जीने का सलीका
बीकानेर। हम अपनी बड़ी से बड़ी गलती को क्षमा कर देते है,लेकिन दूसरों के साथ ऐसा नहीं करते। गलती होने पर स्वयं को भी दण्डित करना चाहिये। ये विचार मैनेजमेंट ट्रेनर डॉ गौरव बिस्सा ने आरएसवी स्कूल में आयोजित कक्षा बारहवीं के स्टूडेंट्स ओरियंटेशन प्रोग्राम में व्यक्त किये। डॉ बिस्सा ने कहा कि स्वयं की कमजोरियों से प्रेम और दूसरों को सुधारने के भरसक प्रयास करना गलत है। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि डॉ. बिस्सा ने शोले के गब्बर सिंह, मांझी द माउन्टेन मेन, रामायण, ओम शांति ओम और लक्ष्य आदि फिल्मों के संवादों तथा अनेकानेक रोचक मूवी क्लिप्स की सहायता से विद्यार्थियों ने जीवन प्रबंध सूत्र सीखाये। डॉ बिस्सा ने कहा कि सिनेमा समाज का दर्पण है और रामायण, चाणक्य आदि सीरियल्स और चुनिन्दा फिल्मों के संवादों और क्लिप्स से विद्यार्थियों को आत्मानुशासन, कॉर्पोरेट एटिकेट्स, और बॉडी लेंग्वेज को सिखाया जा सकता है। इस अवसर पर समय की महत्ता को रेखांकित करते हुए डॉ बिस्सा ने कहा कि कम ही सही लेकिन नियमित तौर पर किया गया कार्य सदा फल देता है अत: रेगुलेरिटी अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में कार्यक्रम समन्वयक और सीनियर शाखा के प्रभारी रविन्द्र भटनागर ने स्कूल में हुए नवाचारों, पर्यावरण संरक्षण मुहिम, यज्ञ के वैज्ञानिक प्रभाव, क्रिएटिव एक्टिविटीज़ आदि पर प्रस्तुतिकरण दिया और स्वागत उद्बोधन दिया। भटनागर ने कहा कि कार्य के प्रारम्भ से लेकर उसकी पूर्ण क्रियान्विति तक अपने उत्साह को बनाये रखना आवश्यक है। स्कूल प्राचार्य निधि स्वामी ने विद्यार्थियों को इन्टरनेट एडिक्शन के नुकसान समझाते हुए कहा कि जीवन की समस्त गुत्थियों का इलाज इन्टरनेट नहीं हो सकता अत: इन्टरनेट, सोशल मीडिया का विवेक सम्मत इस्तेमाल होना चाहिये। समूह सीईओ आदित्य स्वामी ने विद्यालय की शैक्षणिक प्लानिंग और अकेडमिक ऑडिट के विषय में जानकारी दी। डॉ पुनीत चोपड़ा ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।