बीकानेर में 21 को जुटेंगे छह जिलों के भाषा हैताळु,देखे विडियो - Khulasa Online बीकानेर में 21 को जुटेंगे छह जिलों के भाषा हैताळु,देखे विडियो - Khulasa Online

बीकानेर में 21 को जुटेंगे छह जिलों के भाषा हैताळु,देखे विडियो

बीकानेर। दिनाजपुर में 1952 में हुए राजस्थानी सम्मेलन में राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर उठी मांग 68 सालों बाद वर्ष 2020 में भी जस की तस ही है। विशाल शब्दकोष, समृद्ध साहित्य, सांस्कृतिक परंपरा और गौरवशाली इतिहास को अपने में समेटे करोड़ो लोगों की मातृभाषा राजस्थानी भाषा अपनी संवैधानिक मान्यता के लिए बाट जोह ही रही है। लेकिन अब तक मान्यता नहीं मिलना दुर्भाग्य है। इसको लेकर सोमवार को राजस्थानी मोट्यार परिषद की ओर से बीकानेर संभाग मुख्यालय पर मायड़ भाषा की मान्यता की मांग करते हुए धरना दिया जाएगा। इस मौके पर पत्रकारों से मुखातिब होते हुए परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने बताया कि विधानसभा में सर्वसम्मति से भाषा मान्यता का प्रस्ताव पारित होने के बाद भी भाषा को मान्यता और प्रदेश की दूसरी राजभाषा का दर्जा हासिल नहीं कर पाई है। भाषा हैताळुओं की ओर से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसदों, विधायकों को अनेक बार ज्ञापन सौंपने, धरना-प्रदर्शनों के बाद भी मान्यता का सपना साकार हो नहीं पाया। संवाददाता सम्मेलन में डॉ नमामीशंकर आचार्य,सरजीत सिंह,राजेश चौधरी, मुकेश रामावत,प्रशांत जैन, भरतदान चारण, रामोवतार उपाध्याय,शारदा विश्नोई,विजयशंकर आदि मौजूद रहे।

बीकानेर में जुटेंगे छह जिलों के भाषा हैताळु
संभाग अध्यक्ष डॉ हरीराम विश्नोई ने बताया कि 21 फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट पर सुबह 10 बजे से प्रारंभ होने वाले धरने के दौरान बीकानेर सहित श्रीगंगानगर, चूरु, हनुमानगढ़ के साथ ही नागौर और जोधपुर के राजस्थानी भाषा मान्यता के लिए प्रयासरत भाषा हैताळू, साहित्यकार, राजस्थानी फिल्म अभिनेता, रंगकर्मी आदि मौजूद रहेंगें। इसके अलावा दवा विक्रेता संगठन के किशन जोशी,एनएसयूआई, विश्व हिंदू परिषद सहित अनेक राजनीतिक दलों के नेता आदि से धरने में शामिल होकर मायड़ भाषा की मान्यता के लिए सहयोग देने की अपील करेंगे।
भाषा मान्यता के लिए पीएम-सीएम को देंगे ज्ञापन
विश्व मातृभाषा दिवस पर दिए जाने वाले धरने के दौरान राजस्थानी मोट्यार परिषद की ओर से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगें। परिषद की ओर से सौंपे जाने वाले ज्ञापन में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने, प्रदेश में दूसरी राजभाषा का दर्जा देने, राजस्थानी विषय को प्रत्येक उच्च माध्यमिक विद्यालय मे अनिवार्य करने, रीट में राजस्थानी विषय को जोडऩे, राजस्थानी विषय व्याख्याता पदों की भर्ती करने, प्रत्येक विश्वविद्यालय में राजस्थानी विभाग खोलने, राजस्थान में होने वाली परीक्षाओं व भर्तियों में बाहरी राज्यों का कोटा 5 प्रतिशत किए जाने की मांग की गई है।
20 को निकालेगे रैली
परिषद के अध्यक्ष विनोद सारस्वत ने बताया कि धरने से पूर्व विशाल वाहन रैली निकाली जाएगी। यह रैली गोकुल रैली से रवाना होकर नत्थूसर गेट,बारह गुवाड़,तेलीवाड़ा,कोटगेट,केईएम रोड होते हुए जूनागढ़ सम्पन्न होगी।

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