जरूरी खबर- बीकानेर में डेंगू का डंक : एक्सपर्ट डॉ. सुरेन्द्र वर्मा से जानिए इसका इलाज - Khulasa Online जरूरी खबर- बीकानेर में डेंगू का डंक : एक्सपर्ट डॉ. सुरेन्द्र वर्मा से जानिए इसका इलाज - Khulasa Online

जरूरी खबर- बीकानेर में डेंगू का डंक : एक्सपर्ट डॉ. सुरेन्द्र वर्मा से जानिए इसका इलाज

खुलासा न्यूज, बीकानेर। जिले में डेंगू के मरीज बढ़ते जा रहे है। शहर के साथ-साथ अब गांवों में भी स्थिति बिगडऩे लगी है। डेंगू पॉजीटिव मरीजों से पीबीएम के वार्ड फुल है। कई मरीजों का तो जमीन पर ही ट्रीटमेंट किया जा रहा है।
सबसे दुखद बात तो यह है कि अब तक तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। अब तक मरीजों की संख्या 300 से पार हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खास ध्यान रखने को कहा है।
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर खुलासा न्यूज ने एक्सपर्ट डॉक्टर पीबीएम के सीनियर प्रोफेसर सुरेन्द्र वार्म से बात की और जाना कि आखिर डेंगू है क्या? यह कैसे फैलता है? इसके पांच वैरिएंट डेन-1, डेन-2, डेन-3, डे-4 व डेन-5 क्या हैं? इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है? मामले में एक्सपर्टस का कहना है कि बारिश के मौसम में डेंगू के मरीज बढऩा संभव है, लेकिन इसमें घबराने जैसी स्थिति नहीं है क्योंकि 95 फीसदी मरीजों का इलाज घर पर ही होता है। दूसरी बार डेंगू जरूर घातक हो सकता है।

कहीं भी पानी इक्कठा होता है, वहां तुरन्त पानी को हटा दिया जाए
डॉ. सुरेन्द्र वर्मा के मुताबिक मलेरिया बारिश के जमे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होता है, जबकि डेंगू एडीज इजिप्टी (मादा मच्छर) के काटने से फैलता है। यह बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है। यह स्थिति तब बनती है घरों में या आसपास एक ही स्थान पर बहुत दिनों से पानी जमा हो। जैसे कूलर, वॉश एरिया, सिंक, गमलों व पेड़ों आदि भी कई बार पानी जमा रहता है जो डेंगू का कारक बनता है। एडीज मच्छर पानी जमाव होने की स्थिति में सक्रिय हो जाते हैं। इन मच्छरों की प्रकृति यह है कि ये सुबह व शाम में ही काटते हैं।

-फिर कुछ समय बाद इसकी चपेट में आए लोगों को तेज बुखार, शरीर पर लाल चकते पडऩा, सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त आदि लक्षण दिखते हैं।

ऐसे में संबंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। इसके बाद ब्लड टेस्ट में इसकी जांच होती है जिसमें पुष्टि होती है कि उसे डेंगू है या दूसरी बीमारी।

शुरुआती दौर में इससे कैसे बचा जा सकता है?
यह मच्छर सुबह व शाम में ही काटता है। अभी मरीजों की ब?ती संख्या जरूर है लेकिन किसी भी लिहाज से बहुत चिंताजनक नहीं है। हम आसानी से अपने घर के आसपास के पानी को हटाकर नियंत्रित कर सकते हैं।

डेंगू के लक्षण क्या हैं?
-डेंगू एक सामान्य वायरल बुखार की तरह ही शुरू होता है। इसमें सिरदर्द होना, आंखों व शरीर में दर्द होना, बुखार बने रहना आदि इसके लक्षण हैं। वैसे बुखार तेज भी हो सकता है। सामान्य रूप से पहली बार हुआ डेंगू हल्का ही रहता है। इसमें 90 से 95 फीसदी तक लोग पर ही बुखार की दवाइयां लेकर ठीक हो जाते हैं।

डेंगू का ट्रीटमेंट
– अलसुबह पैंटोप्राजोल
– पेरासिटामोल 650 दिन में तीन बार
– सिफोलॅक्-200 दिन में दो बार

एक्सपर्ट डॉ. वर्मा के अनुसार डेंगू मरीज को तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लेना चाहिए। जैसे- नारियल पानी, नींबू की शिकंजी, साधारण पानी, दलिया पानी । घी तेल को अवॉइड करना चाहिए। यह इसलिए कि लीवर को डैमेज करता है।

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