कम उम्र वाले को तंबाकू लाने भेजा तो होगी जेल
बीकानेर। कोई भी कम उम्र का बच्चा तम्बाकू उत्पाद लेने जाता है। तो अब उसके परजिन को जेल हो सकती है। यह नए नियम जल्द ही लागू होने वाले है। बीड़ी-सिगरेट पीने और तंबाकू उत्पादों के सेवन की कानूनी उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष किया जा रहा है। माता-पिता या घर के बड़े भी 21 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू उत्पाद लाने के लिए बाजार भी नहीं भेज सकेंगे। इसे भी अपराध माना जाएगा और इस अपराध के लिए संबंधित को जेल भी जाना होगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डां. बी एल मीणा ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक समिति ने इस संबंध में अपनी सिफारिश मंत्रालय को सौंप दी है। इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (कोटपा) में बदलाव किया जाएगा। इस संबंध में कानून लागू होने के बाद न सिर्फ सेवन करना, बल्कि 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को तंबाकू उत्पाद बेचना भी अपराध होगा। ऐसा मानना है कि 21 वर्ष तक की उम्र तक तम्बाकू के सेवन से रोक लिया गया, तो देश में तंबाकू के सेवन करने वालों की संख्या में जबरदस्त कमी आएगी। वर्तमान में सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (कोटपा) के उल्लंघन पर 200 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इसे बढ़ाकर 1200 या 2000 रुपए किया जा सकता है। देश में पहली बार तंबाकू उत्पादों की असली-नकली की पहचान के लिए पैकेट पर बारकोड लगाया जा सकता है। इससे देश में न सिर्फ तम्बाकू उत्पादो की गुणवत्ता पर नियंत्रण किया जा सकेगा। बल्कि अवैध कारोबार पर भी अंकुश लग सकेगा। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-2 के अनुसार देश में 28.6 प्रतिशत लोग, जिसमें 42 प्रतिशत पुरुष और 14.2 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी तरह (धुंआ या धुंआ रहित) के तम्बाकू उत्पादों का सेवन करती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश में हर वर्ष तम्बाकू उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से करीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है। एनएचएम के तहत संचालित एनटीसीपी के तहत हर वर्ष लोगों में प्रचार-प्रसार किया जाता है, ताकि लोग तंबाकू के दुष्प्रभावों के जानकार इसका सेवन ना करें।