पायलट ने बगावत का झंडा उठाया तो बीकानेर से कितने विधायक होंगे उनके साथ ?, चर्चाओं से गरमाया बाजार - Khulasa Online पायलट ने बगावत का झंडा उठाया तो बीकानेर से कितने विधायक होंगे उनके साथ ?, चर्चाओं से गरमाया बाजार - Khulasa Online

पायलट ने बगावत का झंडा उठाया तो बीकानेर से कितने विधायक होंगे उनके साथ ?, चर्चाओं से गरमाया बाजार

खुलासा न्यूज़, बीकानेर। मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मियां बढऩे की संभावनाओं के चलते बीकानेर और श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। एक ओर जहां भाजपाई प्रदेश में अपनी सरकार बनने की संभावनाओं के दृष्टिगत खुश नजर आ री है, वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता तथा आम लोग इस बात पर मंथन करने लगे हैं कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर चलते हुए सचिन पायलट ने बगावत का झंडा उठाया तो बीकानेर संभाग के कितने विधायक उनके साथ जा सकते हैं ?
मुयमंत्री अशोक गहलोत और उपमुयमंत्री सचिन पायलट के बीच विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही कुछ महत्वपूर्ण मसलों पर मतभेद रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के तीन दर्जन असंतुष्ट विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। बीजेपी सूत्रों के दावे पर भरोसा किया जाए तो मध्य प्रदेश में सीएम कमलनाथ की तरह ही राजस्थान में भी मुयमंत्री अशोक गहलोत की सरकार खतरे में है। सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट मुयमंत्री अशोक गहलोत से नाराज हैं। बताया जाता है कि पायलट कांग्रेस आलाकमान से गहलोत की शिकायत भी कर चुके हैं। डिप्टी सीएम पायलट के अलावा उनके पक्ष के विधायक भी अशोक गहलोत से खफा बताए जाते हैं। राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं, ऐसे में सरकार बनाने के लिए 101 विधायकों की जरूरत होती है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। सहयोगी बसपा और
निर्दलीय विधायकों की मदद से कांग्रेस ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। बाद में बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों की कांग्रेस की राजनीति पर निगाह दौड़ाई जाए तो यहां के विधायक सीएम गहलोत और पायलट दोनों से ही जुड़े हुए हैं। बीकानेर में कांग्रेस के तीन विधायक है, जिसमें दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है। सूत्र बताते हैं कि इन तीनों विधायकों में से एक विधायक पायलट खेमे से जुड़े हुए है।
हनुमानगढ़ के विधायक चौधरी विनोद कुमार तथा करणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर को मंत्री पद नहीं मिला है जबकि दोनों के पास पूर्व में मंत्री पद का अनुभव है। अगर मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्रदेश में कोई जोड़-तोड़ होता है तो कुन्नर तथा चौधरी जैसे नेता कहां जाना पसंद करेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। मध्यप्रदेश जैसा घटनाक्रम होने पर यकीनन निर्दलीय प्रत्याशियों का भाग्य चमकेगा। ऐसे में श्रीगंगानगर के विधायक राजकुमार गौड़ पर सबकी निगाहें लग जाएंगी कि वे या निर्णय करते हैं। वर्तमान में गौड़ गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। राजकुमार गौड़ के व्यक्तिगत संबंध अशोक गहलोत से हैं। इस बारे में जब विधायक गौड़ से पूछा तो उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के राजनीतिक हालातों में काफी फर्क है। उनके सहित कई निर्दलीय विधायक सीएम अशोक गहलोत को समर्थन दे रहे हैं। वहीं अन्य का भी समर्थन है। इसलिए यह सोचना ही गलत है कि गहलोत सरकार को कोई खतरा है।

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