कार्मिक की जमा राशि के भुगतान के लिए भटक रहे है परिजन - Khulasa Online कार्मिक की जमा राशि के भुगतान के लिए भटक रहे है परिजन - Khulasa Online

कार्मिक की जमा राशि के भुगतान के लिए भटक रहे है परिजन

बैंक ने छुपाई नॉमिनेशन की सच्चाई
महेश कुमार देरासरी
महाजन। कस्बे में स्थित एसबीआई बैंक प्रबंधन की लापरवाही के कारण एक रेलवे कर्मचारी के परिजनों को सवा साल बाद भी अपने खाते में जमा राशि नही मिल पा रही है। नॉमिनेशन की प्रक्रिया पूर्ण होंने के बाद परिजन भटकने को मजबूर है। बैंक के उच्चाधिकारियों की हठधर्मिता से परेशान होकर परिजनों ने अब न्यायालय की शरण मे जाने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि कस्बे के समीपवर्ती गांव घेसुरा निवासी रेल्वे कर्मचारी लाधुराम छींपा की 14 नवम्बर 2018 को मृत्यु हो गई थी। मृतक कर्मचारी का महाजन स्थित एसबीआई बैंक में बचत खाता है। जिसमे खाता खुलवाते समय अपने पुत्र रामकुमार छींपा को नॉमिनी बनाया था। बैंक नियमो के अनुसार खाता धारक की मृत्यु होने पर पूर्व निर्धारित नॉमिनी को जमा राशि का भुगतान किया जाता है। इस नियम के अनुसार रेल्वे कर्मचारी के परिजनों ने रामकुमार के पक्ष में मृतक के खाते में कुल जमा राशि लगभग 121,000 रुपये देने का आग्रह किया, तो बैंक प्रबंधक ने नॉमिनेशन नही होने की मौखिक बात कही। मृतक कार्मिक पुत्र रामकुमार द्वारा सूचना के अधिकार क़ानून के तहत जानकारी हासिल करने पर यह खुलासा हुआ कि मृतक के खाते में रामकुमार को नॉमिनी बनाया हुआ है।  बैंक के निर्देश देने पर  कार्मिक के परिजन पत्नी, पुत्रो व पुत्रियों सहित कुल सात सदस्यो को इकट्ठा करने नॉटेरी पब्लिक के माध्यम से  निर्धारित राशि के स्टाम्प पेपर पर क्लेम फॉर्मेट भी पूरा करवा लिया। लेकिन दर्जनों बार बैंक के चक्कर लगाने के बाद भी कार्मिक के खाते में जमा राशि का भुगतान नही किया है। पीड़ित रामकुमार व उनके परिजनों ने बताया कि बैंक के क्लेम सम्बन्धी फॉर्मेट तैयार करवाने में करीबन दस हजार रुपए से अधिक खर्च हो गए। अतः तंग आकर मृतक कार्मिक के परिजनों ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ जमा राशि के भुगतान के साथ मानसिक संताप के लिए हर्जाने के लिए खर्च के लिए न्यायालय में जाने का निर्णय लिया है।
भुगतान के अभाव में बिगड़े परिवार के हालात 
-मृतक के खाते का परिजनों को भुगतान नही होने पर मृतक परिवार की आर्थिक हालात खराब हो गए । वहीं परिजन बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हो गए है। मृतक के खाते में कृषि जींसवार मूंगफली आदी का भुगतान राजफैड द्वारा किया गया था। जिसका भुगतान भी अटक गया है।

मृतक पुत्र ने को बताई आपबीतीमृतक पुत्र घेसुरा निवासी रामकुमार छिम्पा ने को बताया कि अव्यवस्था की बैंकिंग का खामयाजा मृतक परिजनों को उठाना पड़ रहा है। पिता के नाम खाते में मां का नाम जॉइंट करवाने के बावजूद व तमाम खानापूर्ति करवाने के बाद बैंक जॉइंट खाता रिजेक्ट कर दिया। वहीं नॉमिनी होने के बाद भी डिस्क्लेमर की कार्यवाही करवाई । फिर भी भुगतान नही हुआ। मृतक के नाम बैंक में किसान क्रेडिट खाता है,जो ब्याज लगने पर दिन- प्रतिदिन बढ़ रहा है। जबकि मृतक के बचत खाते में जमा राशि पड़ी हुई है। बैंक प्रबंधन मृतक परिवार पर केसीसी खाते की  राशि जमा करवाने का दबाब बनाए हुए है।

भुगतान के अभाव में बंजर हुई जमीन
-मृतक के खाते की जमा राशि व जींसवार का भुगतान अटकने पर परिवार के सदस्य अपनी कृषि भूमि का बिजान नही  कर पाए । मृतक का खेत एक साल से बंजर पड़ा हुआ है। वहीं परिजन लोगो के मोहताज बन गए।
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