शिक्षा का उद्देश्य देश और समाज का उत्थान करना:चारण - Khulasa Online शिक्षा का उद्देश्य देश और समाज का उत्थान करना:चारण - Khulasa Online

शिक्षा का उद्देश्य देश और समाज का उत्थान करना:चारण

बीकानेर। तकनीकी विश्वविद्यालय एवं यूनिवर्सिट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी बीकानेर के सोशल रेस्पॉन्ससिबिलिटी सेल दुवारा द्वारा दिनांक 24 से 31 जुलाई तक आयोजित करने वाले कर्मवीर अनुभव वेबीनार का शुभार ंभ किया गया। कार्य्रकम के मुख्य अथिति राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं दीक्षा क्लासेज के निदेशक अनुभव वार्ष्णेय एवं विशिष्ठ अतिथि रोग निदान सेवा ट्रस्ट के बीएम पेडीवाल थे। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सामाजिक सेल के गुरुवीरसिंह ने बताया कि समाज को देने का आनंद वेबिनार सीरीज कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए 24 जुलाई से 31 जुलाई तक सप्ताह में 2 दिन बुधवार और शुक्रवार दोपहर 2 बजे से आयोजित की जाएगी। इस वेबिनार सीरीज में इस सेमिनार में शिक्षा के रूप में एवं सेवा के रूप में समाज को कुछ देने वाले विद्वान व् समाजसेवियों को विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किए गए हैं। इस वेबिनार का समापन अगस्त महीने के अंतिम शुक्रवार को किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को समाज और अपने देश में उनके उत्तरदायित्वों और देने के अनुभव का ज्ञान करना है।
विश्वविद्यालय के निदेशक अकादमिक डॉ यदुनाथ सिंह ने सभी अतिथियों का विश्व विद्यालय परिवार की तरफ से स्वागत किया और वेबीनार के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
विशिष्ट अतिथि बीएम पेड़ीवाल ने अपने उद्बोधन में विद्यर्थियों को बताया कि निदेशक के रूप में यह कार्य करते हुए कनेर पीबीएम हॉस्पिटल में इलाज के लिए आ रहे मरीजों और उनके परिजनों को ₹5 में भोजन मार्च 1998 से खिला कर आ रहे हैं और और यह कार्य करते हैं उनकी आदत बन गई है कि दिन में एक बार भोजनालय तो जाना ही है। व्यापार से समय निकालकर इस कार्य को करने में उन्हें सभी का सहयोग मिल रहा है और उन्हें बहुत अच्छी आत्म संतुष्टि प्राप्त हो रही है। मेरा अनुभव रहा है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है।युवा पीढ़ी से उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि वे शिक्षा पूर्ण करने के बाद में समाज सेवा से जुड़े इसमें आपको बहुत ही आनंद प्राप्त होगा। मुख्य अतिथि अनुभव वार्ष्णेय नें संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 एक उभरती चुनौती के रूप में हमारे सामने आई है। हमें इस चुनौती को स्वीकार करते हुए विद्यार्थियों के लिए नियम निरंतर शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करते रहना चाहिए। निरंतर अनवरत अध्ययन जारी रखने के लिए उन्होंने बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के इस अकादमी प्रयास की काफी सराहना की और उन्हें साधुवाद किया।उन्होंने कहा कि व्यक्ति देने की प्रकृति एवं सेवा भाव से जो आनंद अनुभव करता है उसकी कोई सीमा नहीं। दान-पुण्य के वल धन दान करने से नहीं अपितु हम किसी को शिक्षा देकर भी दान पुण्य कर सकते हैं। शिक्षा के रूप में दिया गए दान से आपके आसपास के लोग भी शिक्षा की मुख्यधारा में आ सकते हैं यह भी एक प्रकार का शिक्षा दान है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति एचडी चारण ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को सही दिशा देना और विद्यार्थियों को सही प्रेरणा देना है। केवल किताबी ज्ञान प्राप्त करना ही नहीं आर्थिक लाभ कमाने के लिए शिक्षा का उद्देश्य समाज में योगदान देना और समाज का उत्थान करना है।
कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय सोशल रेस्पॉन्सबिलिटीकी सेल के प्रभारी डॉ ममता पारीक ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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