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डूंगर कॉलेज व एम.एस. कॉलेज को एमजीएसयू का संघटक कॉलेज बनाने की कवायद तेज, जल्द बनेगी कमेटी

बीकानेर, 31 जनवरी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं ऊर्जा विभाग मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा है कि बीकानेर हायर एजुकेशन का हब है। यहां पर एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी सहित पांच विश्वविद्यालय हैं। साथ ही महिला आईटीआई, महिला पॉलिटेक्निक और महिला बीएड कॉलेज सहित उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एग्रो बिजनेस, जियोलाॅजी जैसे कई ऐसे कोर्स है जो प्रदेश में केवल बीकानेर में ही उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
डॉ कल्ला ने शुक्रवार को महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी में 10 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में बीकानेर के विद्यार्थियों ने नए आयाम स्थापित किए हैं। विधि शिक्षा की गुणवत्ता के कारण प्रदेश के 17 जिलों में बीकानेर से पढे़ विद्यार्थी न्यायिक सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने डूंगर कॉलेज और एमएस कॉलेज को एमजीएसयू का संघटक कॉलेज बनाएं जाने की बात करते हुए कहा कि प्रदेश भर में सरकारी काॅलेजों को विश्वविद्यालयों का संघटक काॅलेज बनाए जाने का सैद्वान्तिक निर्णय लिया जाना बेहतर रहेगा।
डॉ कल्ला ने कहा कि रिसर्च के बिना विश्वविद्यालय अधूरा है और एमएस कॉलेज तथा डूंगर महाविद्यालय को विश्वविद्यालय से संघटित किए जाने पर ही यहां पर्याप्त संख्या में विद्यार्थी आ सकेंगे और नए विषयों में अनुसंधान प्रारंभ हो सकेगा। कल्ला ने कहा कि फाइन आर्ट्स, भूगोल जैसे विषय  में बहुत स्कोप है विश्वविद्यालयों को इन विषयों में कोर्स प्रारम्भ करने की मंजूरी दी जानी चाहिए। यूनिवर्सिटी को अनुसंधान युक्त बनाने से ही इसकी दुनियाभर में इसकी अलग पहचान बन सकेगी।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा को गुणवत्ता परक बनाने के लिए कृत संकल्पित है। डूंगर कॉलेज तथा महारानी सुदर्शना महाविद्यालय को एमजीएसयू का संघटक कॉलेज बनाए जाने की मांग जायज है लेकिन पूरे संसाधनों के साथ इन कॉलेजों को विश्वविद्यालय से जोड़ने के लिए एक कमेटी बनाकर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी ताकि विश्वविद्यालय को फंक्शन युक्त सिस्टम के साथ साथ पर्याप्त संसाधन मिल सके और यहां की शैक्षणिक वातावरण को गुणवत्ता परक बनाया जा सके। भाटी ने कहा कि विश्वविद्यालय में बने संविधान पार्क, भारत निर्माण पार्क, विवेकानंद पार्क सहित ऐस अनेक नवाचार हैं जिनसे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भागीरथ सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में नवाचार विभिन्न विकास कार्य करवाए गए हैं। विद्यालय परिसर में ही ऑक्सीजन जोन बनाकर दस हजार पौधे लगाए गए हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विश्वविद्यालय के उप कुल सचिव डाॅ बिट्ठल बिस्सा ने बताया कि ग्रीन सोलर कोरिडोर स्थापित कर विश्वविद्यालय को विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय परिसर में 1 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से महर्षि कपिल इनोवेशन सेंटर, 1 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से महर्षि गौतम स्टाफ रेजिडेंसी, एक करोड़ सात लाख की लागत से महर्षि अत्रि भवन, 1 करोड़ 50 लाख की लागत से नचिकेता छात्रावास, एक करोड़ की लागत से कुलपति निवास महर्षि कश्यप भवन, 51 लाख रुपए की लागत से कुलसचिव आवास, 20 लाख रुपए की लागत से इको पार्क , करीब  40 लाख रुपए की लागत से रम्मत पार्क तथा 10 लाख रुपए की लागत से विवेकानंद आर्ट गैलरी व म्यूजियम का निर्माण किया गया। डाॅ बिस्सा ने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रदेश भर में सबसे जल्दी गुणवतापरक परीक्षा आयोजित करवा परिणाम जारी किए। उन्होंने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री से विश्वविद्यालय में जलापूर्ति समस्या के समाधान की मांग की। इसके बाद उर्जा व उच्च शिक्षा मंत्री ने लेपटाॅप का बटन दबाकर लेपटाप बटन विकास कार्यों को लोकार्पण व शिलान्यास किया।

पुनः नियुक्त कर्मचारियों दी मांगे

इंजीनियरिंग काॅलेज बीकानेर में पूर्व में हटाए गए 17 कर्मचारियों द्वारा 31 जनवरी को पुनःनियुक्ति के पश्चात ऊर्जा मंत्री डाॅ बी डी कल्ला व उच्च शिक्षा मंत्री  भंवरसिंह  भाटी से व्यक्तिशः मिल कर महाविद्यालय की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया गया। पुनः नियुक्त कर्मचारियों ने मूलतः महाविद्यालय की वित्तीय स्थिति को मजूबत करने एवं उसके विकास हेतु राज्य सरकार से आर्थिक सहायता प्रदाने करने का निवेदन किया। इस पर दोनों मंत्रियों ने आवश्यक कार्यवाही करने का पूर्ण आश्वासन दिया।

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