डॉ पुरोहित का वृंदावन में विद्या ज्योतिष रत्न अवार्ड से सम्मानित - Khulasa Online डॉ पुरोहित का वृंदावन में विद्या ज्योतिष रत्न अवार्ड से सम्मानित - Khulasa Online

डॉ पुरोहित का वृंदावन में विद्या ज्योतिष रत्न अवार्ड से सम्मानित

बीकानेर। श्री वेद वेदांग सेवा संस्थान एवं श्री विद्या ज्योतिष रत्न अनुसंधान केंद्र द्वारा वृंदावन के जय राम आश्रम की ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु सम्मेलन मेंं बीकानेर के द फोरकास्ट हाउस निदेशक व उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री डॉ नंदकिशोर पुरोहित को विद्या ज्योतिष रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉक्टर पुरोहित को सम्मान स्वरूप एक स्मृति चिन्ह दुपट्टा व विद्या ज्योतिष रत्न का सर्टिफिकेट व पुष्प माला पहनाकर सम्मानित किया गया। डॉक्टर पुरोहित को सम्मानित करने वालों में प्रमुख रूप से डॉ बीसी शास्त्री अध्यक्ष श्री वेद वेदांत सेवा संस्थान, आचार्य नित्यानंद गिरी, डॉक्टर चारुदत्त पिंगले भारत भारतीय अध्यात्मिक विश्वविद्यालय गोवा, आचार्य एसके गौतम अध्यक्ष श्री विद्या ज्योतिष अनुसंधान केंद्र थे। डॉ पुरोहित ने वृंदावन में कार्यक्रम के दौरान अपने व्याख्यान में कहां की वृंदावन एक ऐसी जगह है जहां के कण-कण में आज भी राधाकृष्ण विराजमान हैं आज भी यहां राधा हमें कृष्ण के साथ में मिलती है यदि किसी व्यक्ति की शादी नहीं होती हो और प्रेम विवाह या प्रेम की अनुभूति नहीं होती हो वह वृंदावन और गोवर्धन की परिक्रमा यदि लगा लेता है तो शादी में सभी बाधाएं दूर होती है। और विवाह के पश्चात यदि विवाह विच्छेद के योग भी बनते हैं तो भी वह केवल मात्र परिक्रमा से ही दूर हो जाते हैं कृष्ण और राधा दोनों की कुंडलियों में प्रेम के संबंधित ही व्याख्या की गई है। भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने अपनी वाणी गीता के रूप में आज भी लोगों को सहज रूप से उपलब्ध है जिसमें प्रेम और कर्म की पूर्णतया व्याख्या की गई है जन्मकुंडली सभी देखते हैं किंतु यदि किसी व्यक्ति को अपने कर्म पत्री देखनी हो और कर्मों का फल यदि जानना हो तो उसे गीता का एक श्लोक भी जीवन में दिन भर में एक बार जरूर पढऩा चाहिए गीता हमें भाग्य के साथ साथ कर्म का भी ज्ञान दिलाती है यदि हम केवल भाग्य के सहारे चलेंगे तो हमारे जीवन में कई प्रकार की बाधाएं आना निश्चित है और यदि हम कर्म के साथ भाग्य को सम्मिलित कर लेते हैं तो जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती है यह बात भारत के कई पुराण शास्त्र उपनिषदों में कही गई है। प्रेम एक अनुभूति है जिसे जिसका कोई आकार नहीं कोई प्रकार नहीं कोई अभिव्यक्ति नहीं वह तो जीवन को श्रेष्ठ बनाता है और भी दैनिक जीवन में होने वाली घटनाओं के बारे में डॉ पुरोहित ने अपने विचार लोगों को बताएं।कार्यक्रम में पूरे भारतवर्ष व विदेश के अनेकानेक ज्योतिष वास्तु धर्मशास्त्र व अंक शास्त्र टैरो कार्ड,डॉक्टर न्यायिक से संबंधित व प्रमुख वैज्ञानिक व विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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